नई दिल्ली 20 June (एजेंसी)- लोकसभा चुनाव में अभी करीब सालभर का समय बचा हुआ है, लेकिन केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी अभी से सक्रिय हो गई है और सांसदों का लेखा-जोखा तैयार करने में जुट गई है। बीजेपी ने अब सभी सांसदों को 2 पन्नों के नोट्स के साथ 3 फॉर्म भेजा है, जिसमें पूछा गया है कि महाजनसंपर्क अभियान के दौरान आपने कितना काम किया और कितने घरों तक पहुंच रही। इस फॉर्म को भरकर सांसदों को प्रदेश कार्यालय या फिर दिल्ली में संसदीय कार्यालय में जमा कराना होगा।
सांसदों से इस फॉर्म के जरिए पूछा गया है कि महाजनसंपर्क अभियान में सांसद कितने घरों तक पहुंचे और उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में कितना काम किया है। साथ ही उन्हें आगे के टारगेट भी दिए गए हैं। इस रिपोर्ट की 2024 के आम चुनाव में टिकट बंटवारे में भी अहम भूमिका रहेगी।
100-100 मीडिया इन्फ्लुएंसर की लिस्ट मांगी
सांसदों को अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में 100-100 सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की लिस्ट भी भेजनी है। इनका सम्मेलन कराना है। इसमें यह भी बताना है कि कितने इन्फ्लुएंसर बीजेपी के लिए अच्छा लिखते हैं, कितने खराब और कितने लोग तटस्थ रहते हैं।
इसके अलावा सभी सांसदों को अपनी लोकसभा सीट में 1000 विशिष्ट लोगों की लिस्ट देनी होगी। इनमें पद्म पुरस्कार विजेता, खिलाड़ी, टीचर, डॉक्टर और शहीद परिवार के लोग शामिल हों। साथ ही उन्हें अपने क्षेत्र में 40 से 50 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार करनी है। हर एक कार्यकर्ता को रोजाना सुबह 20 और शाम को 20 यानी दिनभर में कम से कम 40 लोगों से संपर्क करना है। मोदी सरकार के 9 साल के कामों के बारे में बताकर उन्हें उसकी एक बुकलेट भी देनी है।
सांसदों ने अपने इलाके में कितने सम्मेलन किए और उसमें अलग-अलग वर्गों की कितनी सहभागिता रही, यह भी फार्म में भरकर बताना है। खासतौर पर यह जानकारी भी देनी है कि लाभार्थी, व्यापारी और सामाजिक स्तर पर आयोजित सम्मेलनों में कितनी संख्या में लोग आए। बीजेपी के सांसदों को अब तक के अपने काम के बारे में बताने के अलावा उनके लिए आगे के टारगेट भी सेट किए गए हैं। पार्टी की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक, सभी सांसदों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर अपने-अपने क्षेत्र में 1000 से 2000 के बीच का कार्यक्रम करना है। कार्यक्रम की फोटो सरल ऐप पर डाउनलोड करनी होगी।
पीएम नरेंद्र मोदी 27 जून को सभी बूथ कार्यकर्ताओं से संवाद करने वाले हैं और इसके लिए सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में तैयारी करनी होगी।
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