नई दिल्ली 21 फरवरी (एजेंसी)। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से मुसिबतों में घिरे गौतम अडानी के लिए एक राहत भरी खबर है। अडानी ग्रुप के लिए यह राहत देश के बड़े बैंकों में से एक बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से आई है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि वह अडानी ग्रुप को और पैसा उधार देने पर विचार करने के लिए तैयार है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर अकाउंटिंग फ्रॉड और शेयर प्राइस में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर संजीव चड्ढा ने कहा है कि अगर अडानी ग्रुप, बैंक के अंडरराइटिंग स्टैंडर्ड्स को पूरा करता है तो बैंक ऑफ बड़ौदा ग्रुप को और लोन देगा। उन्होंने कहा, ‘मैं अडानी स्टॉक्स में आ रही मार्केट वोलैटिलिटी को लेकर चिंतित नहीं हूं।Ó चड्ढा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘आपके पास अंडरराइटिंग स्टैंडर्ड्स हैं। आप अच्छे वक्त के साथ-साथ बुरे वक्त में भी इनके साथ बने रहते हैं।Ó हालांकि, उन्होंने अडानी ग्रुप में बैंक के ओवरऑल एक्सपोजर के बारे में कुछ भी बताने से इनकार किया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा, अडानी ग्रुप को उसके धारावी रीडिवेलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए लोन एक्सटेंड करने पर विचार करेगा। चड्ढा ने बताया कि ड्यू डिलिजेंस और कान्सन्ट्रैशन लिमिट पर विचार करने के बाद ही लोन एक्सटेंड किया जा सकता है। इस महीने की शुरुआत में चड्ढा ने कहा था कि अडानी ग्रुप में बैंक ऑफ बड़ौदा का एक्सपोजर रिजर्व बैंक के फ्रेमवर्क के तहत दी गई लिमिट का करीब एक चौथाई है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों की मार्केट वैल्यू में करीब 125 बिलियन डॉलर की गिरावट आई है।
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