दरियापुर , 16 अप्रैल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)।बाबा भीमराव अंबेडकर साहब भारत के संविधान निर्माता और एक महान सामाजिक सुधारक, विधिवेत्ता और राजनीतिज्ञ थे. बाबा साहेब दलित परिवार में पैदा हुए और उन्होंने अपने जीवन में जातिगत भेदभाव का सामना किया, लेकिन उन्होंने शिक्षा प्राप्त कर और सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर एक महान व्यक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाया.
भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर एक जाने माने वकील भी थे. उन्होंने न केवल अपने मुवक्किलों के लिए वकालत की बल्कि समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के लोकतांत्रिक मूल्यों की भी वकालत की. इसलिए, उनकी गिनती आज भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वकीलों में होती है. उक्त बातें बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती पर भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य राकेश कुमार सिंह ने किया.
आगे उन्होंने बाताया कि इंग्लैंड से लौटने के बाद बाबा साहेब ने दलित वर्गों के कल्याण के लिए एक एसोसिएशन की शुरुआत की, जिसमें सर चिमनलाल सीतलवाड़ अध्यक्ष और डॉ. अंबेडकर चेयरमैन थे जिसमें एसोसिएशन का तात्कालिक उद्देश्य शिक्षा का प्रसार करना, आर्थिक स्थितियों में सुधार करना और दलित वर्गों की शिकायतों का प्रतिनिधित्व करना था.
अंबेडकर ने दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और जाति व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई.उन्होंने दलितों के लिए शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के लिए काम किया.उन्होंने बहिष्कृत भारत नामक एक समाचार पत्र भी शुरू किया, जो दलितों के हितों की रक्षा के लिए था.
बाबासाहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर एक बहुआयामी भारतीय प्रतीक थे, जिनका जीवन और कार्य देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य को आकार देते रहते हैं. समाज के हाशिए से उठकर स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े नेताओं में से एक बनने का उनका सफर पीढ़ियों को प्रेरित करता रहा है.
इस मौके पर सीता राम दास, बिरेंद्र राम, बब्लू कुमार, मुकेश कुमार, सुजीत राम, श्रवण कुमार, सुरेश राम, सोनू कुमार राम, अजीत राम, पिंटू कुमार, अभिशेख कुमार, चंदन कुमार, छोटु कुमार, रवि कुमार, रविन्द्र कुमार दास, सिया राम दास, कुणाल कुमार, मोनू कुमार आदि लोग उपस्थित थे।
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