*डायरेक्टर व लेखक को भेजा लीगल नोटिस*
कोलकाता 26 मई,(एजेंसी)। द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल का ट्रेलर रिलीज होते ही बवाल खड़ा हो गया है. इस फिल्म के डायरेक्टर व लेखक को पश्चिम बंगाल की पुलिस ने लीगल नोटिस भेजा है और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ये फिल्म वेस्ट बंगाल के कट्टरपंथी संगठन रोहिंग्या मुस्लिमों को आधार कर बताई जा रही है. मेकर्स पर आरोप लगाया गया है कि ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के जरिये पश्चिम बंगाल को बदनाम करने की कोशिश की गई है. वसीम रिजवी फिल्म्स प्रेजेंट्स ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह हैं और इस फिल्म के डायरेक्टर और राइटर फेमस फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा. बता दें कि डायरेक्टर को वेस्ट बंगाल के अमहर्स्ट पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत नोटिस भेजा गया है.
इसके बाद अब निर्देशक सनोज मिश्रा को पुलिस स्टेशन में इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी सुभाब्रता कर के सामने 30 मई को 12 बजे पूछताछ के लिए मौजूद होना पड़ेगा. बता दें कि ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ फि़ल्म को लेकर पश्चिम बंगाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 120(बी), 153ए, 501, 504, 505, 295 एऔर आईटी एक्ट की धारा 66 डी, 84बी और सिनेमेटोग्राफ़ी एक्ट की धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की है. वहीं कानूनी नोटिस मिलने के बाद सनोज़ कुमार मिश्र के वकील नागेश मिश्रा ने कहा की एफआईआर दर्ज हुई है और हम लीगल लड़ाई लड़ेंगे.
बता दें कि लखनऊ में फिल्म के ट्रेलर लॉन्च के दौरान निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा था कि पिछले कुछ सालों में पश्चिम बंगाल के हालात बेहद खतरनाक होते जा रहे हैं. वहां पर बड़े स्तर पर बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया जा रहा हैं. जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने ममता सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल की सरकार रोहिंग्याओं को अपना वोट बैंक बनाकर उनका आधार कार्ड और वोटर लिस्ट में नाम डलवा रही हैं.
फिल्म के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह ने कहा था कि इस वजह से पश्चिम बंगाल में खास करके बांग्लादेश के बॉर्डर से सटे हुए क्षेत्रों में एक बहुत बड़ी रोहिंग्या मुसलमानों की आबादी बसती जा रही है. ये रोहिंग्या मुसलमान पश्चिम बंगाल से आईडी बनवा कर पूरे देश में फैल रहे हैं और इन्हें विदेशी आतंकी संगठन खास मकसद के लिए पूरे हिंदुस्तान में पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के जरिये फैलाया जा रहा है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि इस कारण बंगाल में हिंदुओं पर जुल्म हो रहे हैं और वे अपना घर छोडऩे को मजबूर हो रहे हैं. उन्होंने दावा किया था कि बंगाल की इसी सच्चाई को फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है. बता दें कि इस फिल्म के अगस्त 2023 में रिलीज होने की उम्मीद है.
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