छापेमारी के चलते फेल हो गई कैश बाहर निकालने की योजना
कोलकाता ,26 जुलाई (आरएनएस/FJ)। पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की निकट सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने कबूल किया है कि उनके घर से बरामद कैश बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी का ही है। मंत्री की करीबी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने यह कबूलनामा किया है। उन्होंने एजेंसी को बताया कि पैसा उनसे जुड़ी कंपनियों में लगाया जाना था। पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि कैश को एक या दो दिनों में घर से बाहर निकालने की योजना थी। लेकिन एजेंसी के छापे ने योजना को फेल कर दिया।
दोषी पाए जाने पर अपने मंत्री को नहीं बख्शूंगी : ममता
तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में ईडी द्वारा राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार करने के बाद उनसे दूरी बना ली है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को स्पष्ट किया कि घोटाले का जिम्मेदारी चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के ऊपर है। विभिन्न क्षेत्रों के प्रशंसित व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार के एक कार्यक्रम के दौरान इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, बनर्जी ने कहा, भ्रष्टाचार का समर्थन करना न तो मेरा जुनून है और न ही मेरी आदत। मैं यह नहीं कह सकती कि हर कोई निर्दोष है। मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहती हूं कि एक महिला के आवास से बरामद धन का तृणमूल या राज्य सरकार से कोई संबंध नहीं है।
अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाए। लेकिन जिस तरह से मेरा नाम नकदी की वसूली के मामले में घसीटा जा रहा है, उससे मैं दुखी हूं। मैं इस तरह के झूठे प्रचार को और बर्दाश्त नहीं करूंगी। मुख्यमंत्री ने एक वायरल वीडियो का भी जिक्र किया, जिसमें उन्हें दुर्गा पूजा के उद्घाटन समारोह के दौरान अर्पिता मुखर्जी के साथ मंच साझा करते देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा, मैं कई पूजाओं के उद्घाटन के लिए जाती हूं। मुझे कैसे पता चलेगा कि आयोजकों ने किसे आमंत्रित किया है? मुझे कैसे पता चलेगा कि वह पार्थ की दोस्त थी? मैं अपने पार्टी के लोगों को भी नहीं बख्शती अगर वे गलती करते हैं। दोषी पाए जाने पर मैं अपने मंत्री को भी नहीं बख्शूंगी।
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