Another major success for India in global diplomacy

*UNSC में स्थायी सीट के लिए ब्रिटेन का मिला समर्थन*

नई दिल्ली 14 March, (एजेंसी) : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए भारत को बड़ा समर्थन मिला है। ब्रिटिश सरकार ने भारत को सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट दिए जाने की वकालत की है और अपने समर्थन का ऐलान किया है।

सोमवार को ब्रिटेन की संसद में पेश डिफेंस और फॉरेन पॉलिसी रिव्यू में यह बात कही गई है। ऋषि सुनक सरकार का कहना है कि हम चाहते हैं कि सुरक्षा परिषद में सुधार किया जाए और भारत को स्थायी सदस्यता मिले। सरकार ने कहा कि हम मानते हैं कि इंडो-पैसेफिक क्षेत्र हमारी विदेश नीति का अहम स्तंभ है। ब्रिटिश सरकार ने भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किए जाने पर भी प्रतिबद्धता जताई।

ब्रिटेन ने कहा कि हम चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार आए। इसके लिए यह जरूरी होगा कि सुरक्षा परिषद की व्यवस्था में भी बदलाव किया जाए। ब्रिटिश संसद में पेश रिव्यू में कहा गया, ‘हम सुरक्षा परिषद में ब्राजील, भारत, जापान और जर्मनी का स्वागत करते हैं।’

बता दें कि इससे पहले अमेरिका और फ्रांस कई बार भारत को सुरक्षा परिषद में शामिल किए जाने की मांग उठा चुके हैं। अब ब्रिटेन ने भी खुलकर भारत का समर्थन किया है। इस तरह सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों में से 3 मेंबर भारत के पक्ष में आ गए हैं। वैश्विक कूटनीति के लिहाज से यह भारत के लिए बड़ी सफलता है।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के विदेशी मामलों संबंधी प्रवक्ता ने कहा, ‘ऐसा पहली बार हुआ है, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लेकर हमने ब्रिटेन की नीति संबंधी दस्तावेज में बात की है। हमने पहली बार संसद के समक्ष यह बात रखी है कि हम यूएनएससी सुधारों का समर्थन करेंगे। यह ब्रिटेन के रुख में एक बदलाव है।

हम यह भी कहते हैं कि हम स्थायी अफ्रीकी सदस्यता का समर्थन करते हैं।’विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक राजनीति में बढ़ते चीन के कद से निपटने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत कर रहे हैं।

इसके अलावा जर्मनी, ब्राजील और जापान जैसे देशों को भी सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता देने की वकालत की जा रही है। गौरतलब है कि फिलहाल सुरक्षा परिषद में 5 सदस्य स्थायी होते हैं, जबकि 10 अस्थायी मेंबर भी होते हैं।

ये अस्थायी मेंबर दो साल के लिए होते हैं और उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद नए सदस्यों को रोटेशन पर शामिल किया जाता है। हालांकि इन देशों को अहम मामलों में वीटो पावर नहीं होती है।

वीटो पावर सिर्फ 5 स्थायी सदस्यों को ही है। यदि वीटो पावर वाला कोई देश किसी प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करता है तो वह पारित नहीं हो सकता।

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