Announcement of Hindu organizations in Karnataka Veer Savarkar's picture will be seen in Ganesh festival

बेंगलुरु 21 Aug. (Rns/FJ): कर्नाटक में हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाले गणेश उत्सव के दौरान हिंदू संगठनों ने भगवान गणेश की मूर्तियों के पास वीर सावरकर की तस्वीर लगाने का फैसला किया है।

31 अगस्त को पड़ने वाले गणेश उत्सव को मनाने के लिए समाज के सभी वर्ग आगे आते हैं। इस बार भव्य समारोह की तैयारी शुरू हो गई है, क्योंकि लोग पिछले 2 वर्षो से कोविड के कारण त्योहार नहीं मना पाए थे।

कर्नाटक में शिवमोग्गा और अन्य जगहों पर वीर सावरकर के बैनर लगाने को लेकर 15 अगस्त को 75वें स्वतंत्रता दिवस पर शुरू हुए विवाद ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है। शिवमोग्गा में सावरकर की तस्वीर लगाने को लेकर दो लोगों पर चाकू से हमला किया गया। एक हमलावर के पैर में गोली मारकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।

विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि वीर सावरकर के फ्लेक्स को मुस्लिम बहुल क्षेत्र में रखा गया था। इस बयान पर भाजपा नेताओं ने उनपर विभाजनकारी राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाया।

इस बीच, हिंदू संगठनों ने इस बार भगवान गणेश की मूर्तियों के पास वीर सावरकर की तस्वीरें लगाने का फैसला किया है। इस फैसले से एक बड़ा विवाद पैदा होने की संभावना है, क्योंकि भगवान गणेश की मूर्तियों को राज्यभर में हर गली, हर जंक्शन पर रखा जाएगा।

श्रीराम सेना के संस्थापक प्रमोद मुतालिक ने घोषणा की है कि उन्होंने हिंदू कार्यकर्ताओं से भगवान गणेश उत्सव को ‘वीर सावरकर उत्सव’ के रूप में मनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा, “वीर सावरकर की तस्वीर भगवान गणेश की मूर्ति के पास रखी जाएगी और उनकी पूजा की जाएगी।”

मुतालिक ने कहा, “वीर सावरकर प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्हें अंडमान जेल में 11 साल तक रखा गया, जो लोग इतिहास नहीं जानते वे वीर सावरकर को गाली दे रहे हैं और उनका अपमान कर रहे हैं। श्रीराम सेना ने इस साल के गणेश उत्सव को सावरकर के त्योहार के रूप में मनाने का फैसला किया है। उत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी और कर्नाटक में वीर सावरकर के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी।”

यह घोषणा अधिकारियों के लिए चुनौती है, क्योंकि सावरकर की तस्वीर लगाने पर निश्चित रूप से विभिन्न वर्गो के लोगों द्वारा विरोध किया जाएगा। विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, कर्नाटक में विपक्षी दल इसका कड़ा विरोध करेंगे और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा होने की आशंका है।

इस बीच, वक्फ बोर्ड ने मांग की है कि स्कूलों में भगवान गणेश उत्सव की तर्ज पर ईद मिलाद मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए और नमाज अदा करने के लिए एक कक्षा आरक्षित की जानी चाहिए।

शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने स्कूलों में गणेश उत्सव मनाने की अनुमति देते हुए वक्फ बोर्ड की मांग को मानने से साफ इनकार कर दिया है। मैसूर और कोडागु के भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने कहा कि अल्पसंख्यक धर्म, ईसाई और इस्लाम के अनुयायी जो शरण लेने के लिए भारत आए थे, वे देश की संस्कृति और परंपराओं पर सवाल नहीं उठा सकते।

आगामी विधानसभा चुनावों में सत्ता हथियाने के लिए इस भगवान गणेश उत्सव में राज्य में राजनीतिक नाटक देखने को मिल सकता है।

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