American newspaper told Nirmala Sitharaman Wanted

*इस सूची में 13 और लोगों के हैं नाम, भारत आग बबूला*

नई दिल्ली ,17 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। संयुक्त राज्य अमेरिका की अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मोदी सरकार के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित किया था। इसके बाद विवाद बढऩे लगा है। भारत में जहां इसका विरोध शुरू हो गया है। वहीं अखबार के संपादकों से माफी की मांग की जा रही है।

भारत की सूचना व प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने इस विज्ञापन के लिए देवास मल्टीमीडिया के पूर्व सीईओ रामचंद्रन विश्वनाथन को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं विज्ञापन के सबसे नीचे एक क्यूआर कोड भी है, जिसे स्कैन करने पर अमेरिकी थिंक टैंक फ्रंटियर्स ऑफ फ्रीडम की वेबसाइट खुलती है।
वित्त मंत्री सीतारमण समेत 14 लोगों को बताया वॉन्टेड

बता दें कि अमेरिकी अखबार ने अपने विज्ञापन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत 14 लोगों को वॉन्टेड की सूची में डालकर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। अखबार ने इन सभी पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सभी लोग भारत की संवैधानिक संस्थाओं को राजनीतिक और उद्योग जगत के विरोधियो के खिलाफ हथियारों की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। विज्ञापन के अंदर निवेशकों से कहा गया है कि वह भारत में निवेश न करें। अखबार ने भारत को निवेशकों के लिए असुरक्षित जगह बताया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों पर नियंत्रण के कारण देश ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है।

बता दें कि यह विज्ञापन ऐसे समय में आया है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद अमेरिकी दौरे पर हैं। इस सूची में सुप्रीम कोर्ट के जज हेमंत गुप्ता, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एंट्रिक्स कॉर्प के चेयरमैन राकेश शशिभूषण, वी रामसुब्रमण्यम, स्पेशल पीसी (भ्रष्टाचार निवारण) एक्ट जज चंद्रशेखर, सीबीआई डीएसपी आशीष पारीक, ईडी के निदेशक संजय कुमार मिश्रा और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन का नाम शामिल है। इसके अलावा इस विज्ञापन में ईडी के सहायक निदेशक आर राजेश और उप निदेशक ए सादिक मोहम्मद का भी नाम शामिल है।

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