Ambulance stopped for CM's convoy, patient trapped in life and death

पटना ,22 अगस्त (आरएनएस)। बिहार की राजधानी पटना में वीवीआईपी कल्चर की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिससे सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों ने कथित तौर पर एक एंबुलेंस को रास्ते में रोक दिया, जिस पर मरीज सवार था। एंबुलेंस तब तक रोके रखा गया, जब तक नीतीश कुमार का काफिला गुजर नहीं गया। अब, इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एंबुलेंस में एक महिला मरीज सवार है, जिनके परिजन रो रहे हैं और सड़क से गाडिय़ां गुजर रही हैं। पुल पर सारे छोटे से बड़े वाहन को किनारे रोक दिया गया है। एंबुलेंस पर सवार मरीज के परिजन पुलिसकर्मियों से दुहाई भी लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया गया।

भाजपा के अमित मालवीय ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा कि प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे नीतीश कुमार की संवेदनहीनता देखिए। उनके काफिले की रफ्तार कम ना पड़े, इसके लिए वो किसी की जान दांव पर लगा सकते हैं।

एक तरफ जहां मोदी जी ने कई दफा ना सिर्फ अपने काफिले बल्कि रोड शो तक एंबुलेंस को रास्ता देने के लिए रुकवा दिये, नीतीश बाबू ने एंबुलेंस में बिलख रहे परिवार के बारे में तनिक नहीं सोचा। यही भ्रष्ट और संवेदनहीन लोगों के घमंडिया गठबंधन का सच है। शर्मनाक!

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