*332 आरक्षियों को मिले नियुक्ति पत्र, सीएम ने 11 आरक्षियों को सौंपे नियुक्ति पत्र*
लखनऊ ,30 सितंबर (आरएनएस/FJ)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में सारी भर्तियां पारदर्शी व निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न हो रही हैं। आबकारी विभाग में सिपाहियों की भर्ती में लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, सहारनपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर समेत सभी मंडलों से आबकारी आरक्षियों को नियुक्ति प्राप्त हुई है, जो इस बात का द्योतक है कि अब बिना सिफारिश के योग्यता के अनुरूप अभ्यर्थियों को नौकरियां प्राप्त हो रही हैं।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से चयनित 332 आबकारी आरक्षियों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रतीक के तौर पर 11 आबकारी आरक्षियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 332 आबकारी आरक्षियों में से 109 महिला आरक्षियों को नियुक्ति पत्र प्राप्त हुआ है। इस प्रकार लगभग 30 प्रतिशत महिलाओं को नियुक्ति प्राप्त हुआ है। शारदीय नवरात्रि के दौरान महिलाओं की यह उपलब्धि प्रसन्नता एवं गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि विगत साढ़े 05 वर्ष में राज्य सरकार ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से 05 लाख से अधिक युवाओं को शासकीय सेवाओं से जोड़ा है, जो अपनी ऊर्जा का लाभ प्रदेश को दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आबकारी प्रदेश सरकार का बहुत महत्वपूर्ण विभाग है। नियमों के अनुरूप कार्यवाही कर जहरीली शराब से समाज को बचाने में आबकारी विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डिस्टलरी में अल्कोहल बनता है, जिसका प्रयोग दवाओं और प्रयोगशाला में भी किया जाता है। राज्य सरकार ने विगत साढ़े 05 वर्षों में प्रदेश में 33 नई डिस्टलरी लगवाई है। 70 वर्षों में राज्य में जितनी डिस्टलरी स्थापित की गई थी, उसकी आधी डिस्टलरी विगत साढ़े 05 वर्षों में वर्तमान सरकार ने लगवाई।
इससे राजस्व की बढ़ोतरी हुई। आबकारी विभाग की कानून के अनुरूप मिलावट करने वाले, निर्दोषों के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई नजीर बनी। ऐसे लोग अब जेल के अंदर हैं। वर्तमान में प्रदेश में पर्व और त्योहार शांति से मनाए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है। प्रदेश में अब कानून का राज स्थापित है।
वर्तमान सरकार के समय में भर्ती से जुड़े आयोगों व एजेंसियों द्वारा पूरी पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ भर्तियां की जा रही हैं। उन्होंने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले आरक्षियों से कहा कि वे जीवन में आगे बढऩे के लिए ईमानदारीपूर्वक अपना कार्य करें, सम्मानजनक जीवनयापन करते हुए राष्ट्र के निर्माण में योगदान दें। उन्होंने कहा कि नव नियुक्त आबकारी सिपाही जहरीली शराब का प्रयोग रोकने, सरकार का राजस्व बढ़ाने के कार्यों को सम्पन्न करते हुए जीवन से खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश लगाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग का 42 हजार करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह का लक्ष्य है। वर्ष 2017 में 14 हजार करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये का राजस्व आया था। हमारी सरकार ने स्टेट हाइवे, बस्तियों के चैराहों, अस्पतालों आदि के पास शराब की दुकानों के संचालन पर रोक लगाई, फिर भी आबकारी राजस्व में उम्मीदों के अनुरूप वृद्धि हो रही है।
तकनीक का प्रयोग कर रेवेन्यू बढ़ाना आबकारी विभाग में हुए रिफॉर्म का परिणाम है। विभाग के नेतृत्व व कर्मचारियों के योगदान से ही यह संभव हुआ है। मुख्यमंत्री जी कहा कि एथेनॉल व एल्कोहल उत्पादन में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। गन्ना किसानों को 05 वर्ष में 01 लाख 80 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
प्रदेश में डिस्टलरी के क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया। इससे एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष व 10 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। सुदृढ़ कानून व्यवस्था के कारण प्रदेश में भारी निवेश भी आया। जिससे 01 करोड़ 61 लाख नौजवानों को नौकरी व रोजगार प्राप्त हुआ।
ओ0डी0ओ0पी0 व विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से 60 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सी0एम0आई0ई0) के सर्वेक्षण में 2016 में जो बेरोजगारी दर 18-19 फीसदी थी, वह प्रदेश में घटकर अब लगभग 2.7 प्रतिशत के करीब आ गई है।
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