AICTE initiative opens doors to employment for girl students and disabled people

*दिव्यांग छात्र, छात्राओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग*

*देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों की छात्राओं को 37 घंटे का विशेष प्रशिक्षण भी कराया जाएगा*

*आईआईटी और आईआईएम की मदद से भविष्य की जरूरत और चुनौतियों के अनुसार तैयार होंगे शिक्षक*

नई दिल्ली, 16 नवंबर (एजेंसी)। देशभर के संस्थानों में तकनीकी शिक्षा ले रह छात्र-छात्राओं के लिए नौकरी पाना अब और आसान हो जाएगा। इसके लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने हैदराबाद के यूथ फॉर जॉब्स फाउंडेशन, अमेजन डेवलपमेंट सेंटर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग (एनपीटीईएल), आईआईटी मद्रास, आईआईएम बेंगलुरु और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग रिसर्च (एनआईटीटीटीआर) चेन्नई के साथ समझौता किया है। बृहस्पतिवार को एआईसीटीई मुख्यालय में सभी हितधारकों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इस दौरान एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम, सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार, एडवाइजर डॉ. ममता रानी अग्रवाल आदि मौजूद रहे।एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम ने कहा कि इस पहल से इंजीनियरिंग की छात्राओं को अपने करियर में काफी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई अप्रूव्ड कॉलेजों में छात्राओं की संख्या काफी अच्छी है। इनमें एडमिशन लेने वालों में 35 से 40 प्रतिशत छात्राएँ हैं। एआईसीटीई की यह पहल नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की भावना के भी अनुरूप है।

पहले छात्रों के सामने स्पेशलाइजेशन के सीमित विकल्प होते थे लेकिन आज उनके पास स्पेशलाइजेशन और उस क्षेत्र में रोजगार के असीमित विकल्प खुल गये हैं। इसीलिए अब शिक्षकों की भूमिका में भी बड़े बदलाव हुए हैं। इसलिए एनपीटीईएल और एनआईटीटीटीआर के साथ मिलकर शिक्षकों के लिए भी विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जाएंगे ताकि वे इंजीनीयरिंग के छात्रों को भविष्य की जरूरतों और चुनौतियों के अनुसार शिक्षा दे सकें। जॉब के लिए एआईसीटीई ने गूगल, मेटा और आईबीएम समेत सैकड़ों बड़ी कंपनियों के साथ समझौता किया है।

परिषद ने इंटर्नशिप पोर्टल, ग्रामीण एवं आदिवासी इलाकों के छात्रों के लिए प्लेसमेंट पोर्टल के साथ ही कामकाजी पेशेवरों के कौशल विकास के लिए विभिन्न कोर्स भी शुरू किए हैं। आज हुये इन समझौतों के माध्यम से भी हमारे छात्रों के लिए रोजगार के नए द्वार खुल गए हैं।एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि दिव्यांगों, लड़कियों और कोरोना के कारण अनाथ हुये बच्चों को लेकर परिषद काफी संवेदनशील है।

ऐसे छात्रों के लिए रोजगोरोन्मुखी पाठ्यक्रम चलाये जा रहे हैं। परिषद की इस पहल का भी छात्रों को काफी लाभ मिलेगा। इस दौरान एनआईटीटीटीआर की डायरेक्टर डॉ. उषा नातेसन, आईआईटी मद्रास के डीन प्रो. प्रताप हरिदोस, आईआईएम बेंगलुरु के चीफ एड्मिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर कर्नल एसडी अरवेंदन, अमेजन से सुमन यादव, यूथ फॉर जॉब्स फ़ाउंडेशन से मीरा शेरोय ने भी अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत की।

******************************

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *