Agneepath scheme will be regularly reviewed and lapses will be removed Defense Minister Rajnath Singh

नई दिल्ली 25 June (Rns)  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती की नई योजना अग्निपथ पथ को लेकर उठ रही आशंकाओं को बेवजह करार देते हुए शनिवार को कहा कि इस योजना की नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी और खामियों को समय-समय पर दूर किया जाएगा।

श्री सिंह ने आज एक टेलीविजन चैनल के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा की सरकार ने इस योजना को बहुत सोच समझ कर तैयार किया है और इसे लागू करने में जो भी चुनौतियां आने की संभावना थी उनका निराकरण किया गया है। उन्होंने कहा, “जब कभी भी कोई नई योजना आती है तो उसे लेकर कुछ आशंकाएं लोगों के मन में रहती है। ‘अग्निपथ योजना’ में जो भी चैलेंज आने की संभावनाएं थी उनका भी निराकरण किया गया है।” उन्होंने कहा कि वह इन आशंकाओं को खारिज नहीं करना चाहते, लेकिन उनका मानना है कि यह आशंका होनी ही नहीं चाहिए।

रक्षा मंत्री ने कहा कि वह इस योजना को रक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव वाला सुधार मानते हैं और इससे भर्ती प्रक्रिया में भी क्रांतिकारी बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि अग्नि वीरों की सेवा के चार वर्ष पूरे होने के बाद उनमें से 25 प्रतिशत को नियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाकी बचे 75 प्रतिशत के भवष्यि को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन वह युवाओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि बाकी बचे 75 के 75 प्रतिशत भी यदि बाद में नौकरी करना चाहते हैं तो उनके लिए भी सरकार ने योजना बनाई है।

उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि एक बार अग्निपथ योजना को लागू होने दें सरकार इसकी प्रतिवर्ष समीक्षा करेगी और कहीं भी कोई भी कमी होगी तो उस चुनौती का मुकाबला कर कमी को दूर किया जाएगा यह उनकी सरकार का संकल्प है। उन्होंने कहा कि किसी को भी देश के नौजवानों को गुमराह नहीं करना चाहिए।

*********************************

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने

इसे भी पढ़ें : संकटकाल में नयी चाल में ढला साहित्य

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *