After meeting Kharge, Sharmila said, ready to take any responsibility

नई दिल्ली 05 Jan, (एजेंसी) । वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के कांग्रेस में विलय के एक दिन बाद, वाई.एस. शर्मिला ने शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगी, वह लेने को तैयार हैं।

शर्मिला ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस पार्टी उन्हें जिम्मेदारी देने पर विचार कर रही है, जिस पर उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे से चर्चा की है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की बहन और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की बेटी शर्मिला ने कहा, “जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि मुझे जो कोई भी जिम्मेदारी दी जाएगी, मैं उसे लेने के लिए तैयार हूं।”

बाद में उन्होंने अपने एक्स अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा, ”कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलकर खुशी हुई। आगे बढ़ने और विभिन्न मोर्चों पर पार्टी को मजबूत करने के बारे में उनका मार्गदर्शन लिया। आगे और नया क्या होगा, इसके लिए उत्साहित हूं।”

शर्मिला ने उन्हें दी जाने वाली जिम्मेदारी पर चर्चा के लिए एआईसीसी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात की। उन्हें उम्मीद है कि उनकी जिम्मेदारी पर एक या दो दिन में स्थिति साफ हो जाएगी।

गुरुवार को राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मल्लिकार्जुन खड़गे ने शर्मिला को पार्टी में शामिल किया था।

शर्मिला ने बाद में मीडियाकर्मियों से कहा था कि वह वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का कांग्रेस में विलय कर खुश हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता वाईएसआर ने न केवल अपना पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी की सेवा की, बल्कि कांग्रेस पार्टी की सेवा में अपना जीवन भी दे दिया।

कांग्रेस को देश की एकमात्र सच्ची और सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी करार देते हुए उन्होंने कहा कि इसने हमेशा सभी वर्गों की सेवा करने और भारत के लोगों को एकजुट करने की भारत की संस्कृति को बरकरार रखा है।

“राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना मेरे पिता का सपना था। मुझे खुशी है कि मैं इसे साकार करने में हिस्सा लेने जा रही हूं।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह आंध्र प्रदेश में जिम्मेदारी स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने पत्रकारों से कहा, “मैं पार्टी द्वारा दी गई कोई भी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हूं। न केवल आंध्र प्रदेश, अंडमान निकोबार में भी।”

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