भोपाल 14 Aug. (Rns/FJ): मध्यप्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर निर्माणाधीन कारम सिंचाई परियोजना के डेम से जलरिसाव के बीच तैयार की गयी ‘पैरेलल चैनल’ की मदद से पानी निकासी का कार्य देर रात से जारी है और माना जा रहा है कि अब इससे जुड़ी आशंकाएं कम हो गयी हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तीन दिन पहले डेम की दीवार के हिस्से से जलरिसाव की घटना के बाद से प्रशासन ने तकनीकी विशेषज्ञों और सेना की तैनाती के बीच पैरेलल चैनल तैयार की। इससे देर रात जलनिकासी का कार्य प्रारंभ हो गया है। ऐसा करने का उद्देश्य यह है कि बांध पर जल का दबाव कम किया जा सके, जिससे क्षतिग्रस्त दीवार को और अधिक नुकसान नहीं हो।
सूत्रों ने कहा कि इस बीच धार जिले के 12 और खरगोन जिले के 06 गांव खाली करा लिए गए हैं और पुलिस प्रशासन तथा सेना के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों को तैनात किया गया है। सेना के कम से कम दो हेलीकॉप्टर को भी क्षेत्र में तैनात किया गया है।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल से लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वे कल यहां दिन से लेकर रात्रि तीन बजे तक राज्य स्तरीय विशेष नियंत्रण कक्ष (स्टेट सिचुएशन रूम) में बैठे रहे और वहीं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी करते रहे। उनके साथ वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भी मौजूद रही। जब पैरेलल चैनल से ‘रेगुलेटेड पानी’ निकलना प्रारंभ हुआ, तब श्री चौहान नियंत्रण कक्ष से निवास के लिए रवाना हुए। आज वे दिन में फिर से नियंत्रण कक्ष पहुंचेंगे। श्री चौहान ने सुबह निवास से ही फोन पर इंदौर संभाग और धार तथा खरगोन जिले के अधिकारियों से चर्चा कर ताजा हालात जाने।
दूसरी ओर परियोजना के निर्माण से जुड़ी कंपनी और इससे जुड़े अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं ने इस संबंध में आरोप लगाए हैं। हालाकि राज्य सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता सबसे पहले बांध के फूटने की आशंका से मुक्त होना है और वह इसी दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। बांध को बड़े नुकसान से बचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य जारी हैं।
तीन सौ करोड़ रुपयों से अधिक की लागत वाली इस परियोजना का कार्य पिछले तीन चार वर्षों से चल रहा है और यह अब भी जारी है। बांध में इस बार बारिश में पहली बार पानी भरने की सूचना है और इसके बाद ही ये हालात बन गए।
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