Brainstorming continues in Bihar regarding cabinet, RJD is eyeing 'A to Z'

पटना 11 Aug. (Rns/FJ): बिहार में दूसरी बार महागठबंधन की सरकार बन गई है। नीतीश कुमार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री की शपथ ले ली है जबकि राजद नेता तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। अब सबकी नजर मंत्रिमंडल विस्तार पर है। इधर दलों में मंत्रियों को लेकर मंथन का दौर जारी है। इस दौरान कहा जा रहा है कि दोनों दल मंत्रिमंडल में जहां क्षेत्रीय संतुलन को बनाए रखेंगे, वहीं जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश करेंगे। सूत्रों का मानना है कि राजद कोटे से सबसे अधिक मंत्री बनाए जाएंगे, इसके लिए संभावित नामों की सूची पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद के पास भेजी जाएगी, जहां अंतिम मुहर लगेगी।

माना जा रहा है कि नई सरकार में यादव, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले मंत्रियों की संख्या ज्यादा हो सकती है। वैसे, राजद मंत्रिमंडल विस्तार में ‘ए टू जेड’ नीति के तहत मंत्रिमंडल में सवर्णों को भी राजद कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है।

सूत्रों का कहना है कि जदयू कोटे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को छोड़ 12 मंत्री होंगे जबकि राजद कोटे से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को छोड़ 15 मंत्री शपथ लेंगे। कांग्रेस को चार मंत्रीपद मिलने की संभावना है, जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) से एक मंत्री होगा।

जदयू समर्थित निर्दलीय इकलौते विधायक को भी मंत्री बनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि 16 अगस्त को मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है।

सूत्र बताते हैं कि नीतीश सरकार के नए मंत्रिमंडल में कई ऐसे चेहरे शामिल होंगे जिन्हें अब तक मंत्री बनने का मौका नहीं मिला है। जदयू के कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी भी हो सकती है। राजद की तरफ से कैबिनेट में शामिल होने वाले ज्यादातर नए चेहरे होंगे।

विभागों की बात करें तो पिछली सरकार में जो विभाग भाजपा कोटे के मंत्रियों के पास थी, वह विभाग राजद को मिल सकता है। वैसे, सूत्र बताते हैं कि कुछ विभागों को लेकर पेंच फंस गया है।

महागठबंधन के एक नेता हालांकि कहते हैं कि महागठबंधन सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंथन जारी है, कहीं कोई परेशानी नहीं है।

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