*अब अपने जल- जंगल ज़मीन का खुद फैसला लेंगे आदिवासी*
नई दिल्ली 9 अगस्त 2022 (Rns/FJ) – छत्तीसगढ़ सरकार ने विश्व आदिवासी दिवस के दिन अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत अधिकारों का विस्तार-PESA नियम-2022 लागू कर दिया। इसके साथ ही यह कानून छत्तीसगढ़ में लागू हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा, छत्तीसगढ़ में PESA अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है। इससे आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।*
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, आदिवासियों के हितों को संरक्षण देने के लिए राज्य में PESA कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। नए नियम से ग्राम सभा के 50% सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे। इस 50% में से भी 25% महिला सदस्य होंगी। अब गांवों के विकास में निर्णय लेने और आपसी विवादों के निपटारे का भी उन्हें अधिकार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, आदिम संस्कृति, छत्तीसगढ़ की पहचान है और आदिवासियों का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। हम आदिवासियों के सारे योगदान को सहेज कर रखना चाहते हैं। इसके लिए समुदाय की भाषा, संस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, उनकी सरकार बनने के बाद पहली बार विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई। आदिवासियों को वन अधिकार के पट्टे दिए गए जिसके तहत अभी तक पांच लाख पट्टे दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रही है। यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गांवों के लिए बैंक खोलने की मांग कर रहे हैं।
राज्य सरकार आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए लगातार काम कर रही है। इसी का नतीजा है कि मलेरिया के मामलों में 65% की कमी आई है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक से भी लाखों लोगों को फायदा हो रहा है। हमने बस्तर के 300 बंद स्कूलों को शुरू किया है। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्य में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती भी होने जा रही है।
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