*करीब 65 करोड़ रुपए किए फ्रीज*
नई दिल्ली 06 Aug. (Rns/FJ): केंद्रीय जांच एजेंसी एंफोर्समेंट डायरेक्टेरोट (ईडी) ने आज क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है। ईडी ने फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े नियमों के उल्लघंन के संदेह से जुड़ी जांच में यह कार्रवाई की है। कार्रवाई के तहत वजीरएक्स क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के निदेशक समीर म्हात्रे के ठिकानों पर छापेमारी की है। ईडी ने उनके खातों को भी सीज कर लिया है। बताया जा रहा है उनके खातों में पड़ी 64.67 करोड़ रुपये की राशि को फ्रीज कर दिया है। कंपनी के निदेशक पर आरोप है कि उन्होंने क्रिप्टो संपत्तियों की खरीद और हस्तांतरण के माध्यम से धोखाधड़ी के पैसे की मनीलॉन्ड्रिंग में आरोपी इंस्टेंट लोन ऐप कंपनियों की मदद की है।
संघीय एजेंसी ने कहा कि उसने तीन अगस्त को हैदराबाद में जानमाई लैब प्राइवेट लिमिटेड के एक निदेशक के खिलाफ छापे मारे, जो वज़ीरएक्स क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के मालिक हैं। ईडी ने यह भी कहा है कि छापेमारी के दौरान वे सहयोग नहीं कर रहे थे। वजीरएक्स ने इस मामले में अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
ये है मामला
एजेंसी ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई मनी लांड्रिंग से जुड़ा हुआ है। वजीरएक्स पर आरोप है कि इसने इंस्टैंट लोन मुहैया कराने वाली ऐप कंपनियों के पैसों को अपने प्लेटफॉर्म पर गलत तरीके से क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया।
ईडी ने पिछले साल इस मामले में फॉरेन एक्सचेंज से जुड़े रेगुलेशंस के उल्लघंन की आशंका को लेकर इस मामले की जांच शुरू की थी। ईडी के बयान के मुताबिक वजीरएक्स के निदेशक समीर म्हात्रे ने वजीरएक्स का रिमोट एक्सेस रखा है लेकिन इसके बावजूद वह इंस्टैंट लोन ऐप फ्रॉड के पैसों से खरीदे गए क्रिप्टो एसेट्स से जुड़े लेन-देन का हिसाब नहीं दे रहे हैं।
केवाईसी नॉर्म्स में कमी, वजीरएक्स व बिनांस के बीच ट्रांजैक्शन पर कमजोर रेगुलेटरी कंट्रोल, लागत बचाने के लिए ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड न करना और अपोजिट वॉलेट की केवाईसी का रिकॉर्ड न रखने के चलते वजीरएक्स गायब क्रिप्टो एसेट्स की वजह नहीं बता रही है।
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