नई दिल्ली, 2 अगस्त ( आरएनएस/FJ) । कांग्रेस के द्वारा 5 अगस्त से महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने जा रही है । कांग्रेस के द्वारा राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन से पहले प्रदर्शन को सफल बनाने की रणनीति तय करने के लिए दिल्ली में महासचिव, प्रदेश इकाइय़ों के प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की एक बैठक हुई।
कांग्रेस मुख्यालय में बैठक हुई जिसमें अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल, महासचिवगण मुकुल वासनिक, अजय माकन, अविनाश पांडे के अलावा राजीव शुक्ला, शक्तिसिंह गोहिल, मणिकम टैगोर, डी. के. शिवकुमार समेत कई अन्य पार्टी नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं ने महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को बड़ी सफलतापूर्वक आयोजित करने की रणनीति पर चर्चा की।बैठक को संबोधित करते हुए के. सी. वेणुगोपाल ने कहा, “ईडी को हेराल्ड हाउस पर छापे के लिए भेजकर मोदी सरकार ने दिखा दिया है कि वह प्रतिशोध की राजनीति के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
वे सोचते हैं कि वे बीजेपी की विफलताओं से लोगों का ध्यान हटा सकते हैं। वे सोचते हैं कि वे हमें डरा सकते हैं लेकिन हम बीजेपी के प्रतिशोध के आगे नहीं झुकेंगे।कांग्रेस ने देश में आसमान छूती महंगाई और बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ 5 अगस्त को देश भर में प्रदर्शन का निर्णय लिया है। पार्टी ने अपने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च और प्रधानमंत्री आवास के घेराव की भी योजना बनाई है।प्रधानमंत्री आवास घेराव’ में कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता हिस्सा लेंगे।
लोकसभा और राज्यसभा के सांसद गण संसद से राष्ट्रपति भवन तक मार्च करेंगे। ‘चलो राष्ट्रपति भवन’ मार्च के माध्यम से कांग्रेस सांसद महंगाई एवं बेरोज़गारी के ख़िलाफ़ अपना विरोध दर्ज कराएंगे।सभी राज्यों की राजधानियों में प्रदेश इकाइयों द्वारा राजभवन का घेराव किया जाएगा। पार्टी विधायक, विधान परिषद सदस्य, पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ नेता ‘राजभवन घेराव’ में शामिल होंगे और सामूहिक गिरफ़्तारी देंगे।
ग्राम स्तर से लेकर ज़िला स्तर तक के कांग्रेस के सभी निर्वाचित प्रतिनिधि अपने ब्लॉक और ज़िला मुख्यालयों में महंगाई और बेरोज़गारी के मुद्दे पर प्रदर्शन करेंगे और सामूहिक गिरफ़्तारी देंगे।
5 अगस्त को पार्टी के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के दौरान महंगाई और बेरोज़गारी के साथ-साथ अग्निपथ योजना और आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी के ख़िलाफ़ भी विरोध की आवाज़ उठाई जाएगी।
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