ED was investigating the connection of Parth and Arpita for a long time

अब रडार पर 11 बैंक अकाउंट

कोलकाता ,02 अगस्त (आरएनएस/FJ)।   पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ईडी ने 50 करोड़ से ज्यादा की रकम जब्त की है। अब ईडी के रडार पर इन दोनों के 11 बैंक अकाउंट हैं। बताया जा रहा है कि इन बैंक अकाउंट्स में 8 करोड़ से ज्यादा की राशि जमा है। इसमें से 2.5 करोड़ को डेबिट फ्रीज कर दिया गया है। जिस तरह से ईडी ने अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर छापेमारी की, ऐसा लगता था कि अचानक यह सब होने लगा। लेकिन ऐसा नहीं था। ईडी लंबे समय से पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी का कनेक्शन खंगालने में लगी थी।

कैसे चटर्जी और मुखर्जी की करीबी का चला पता

ईडी के सूत्रों का कहना है कि चटर्जी के पांच बैंक अकाउंट हैं। ये दो सरकारी बैंकों और एक प्राइवेट बैंक में हैं। 2021 में चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के मुताबिक उनके अकाउंट  में 60 लाख रुपये हैं। वहीं एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि कुछ दस्तावेजों सो ही चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की करीबी के  बारे में पता चला। अधिकारियों को चटर्जी की कुछ इंश्योरेंस पॉलिसीज के पेपर मिले थे जिसमें मुखर्जी का नाम नॉमिनी में डाला गया था। इसके अलावा बोलपुर में उन्होंने 2012 में एक मकान खरीदा था जिसके कागजात ईडी के हाथ लगे थे।

मुखर्जी के वकील का कहना है कि जिन कागजों की बात ईडी कर रही है, उनपर उन्हें संदेह है। इनकी जांच होनी चाहिए। बता दें कि चटर्जी ने 2021 के एफिडेविट में एक 25 लाख की एलआईसी पॉलिसी  की जिक्र किया था। इसके अलावा और कोई जानकारी नहीं दी गई थी। वहीं बोलपुर की संपत्ति की रजिस्ट्री 2012 में अडिशनल डिस्ट्रिक्ट सब रिजस्ट्रार के सामने हुई थी। उसपर मुखर्जी और चटर्जी दोनों ने ही साइन किए थे। मुखर्जी ने अपना अड्रेस टावर फ्लैट 1ए, डायमंड सिटी साउथ बताया था। वहीं चटर्जी ने अपना पता खानपुर रोड, नकताला बताया था।

हलफनामे में दी गलत जानकारी?

दोनों ने मिलकर 20 लाख रुपये में दो मंजिला मकान खरीदा था। इसके दस्तावेजों में दोनों को फोटोग्राफ और अंगूठे के निशान भी लगे थे। इस प्रॉपर्टी के आसपास रहने वालों का कहना है कि दोनों ही वहां आते-जाते रहते थे। एक शख्स ने यह भी बताया कि उसने कॉम्प्लेक्स में चटर्जी की गाड़ी भी देखी थी। हालांकि एफिडेविट में चटर्जी ने इस प्रॉपर्टी का जिक्र ही नहीं किया था। उन्होंने केवल खानपुर के फ्लैट और नेताजीनगर की दुकान की जानकारी दी थी।

****************************************

इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के माय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *