Ramnath Kovind refreshed the memories of his tenure at the farewell ceremony

नई दिल्ली ,23 जुलाई (आरएनएस/FJ)।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का विदाई समारोह संसद भवन के सेंट्रल हॉल में चल रहा है। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्री और दोनों सदनों के सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत और सम्मान किया। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति के स्वागत में संबोधन भी किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद के विभिन्न कार्यों को याद किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे हृदय में अनेकों स्मृतियां उभर आई हैं। इसी संसद भवन में मैंने अनेकों साल बिताए हैं। मैंने इसी सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि आप सभी का एक सांसद के रूप में सम्मान है। राष्ट्रपति के रूप में सेवा करने मौका देने के लिए आभारी रहूंगा। साथ देने के लिए सांसदों का भी आभार जताया। आपके सहयोग से काम को बेहतर ढंग से कर सका। रामनाथ कोविंद ने कहा कि सभी पूर्व राष्ट्रपति मेरे लिए प्रेरणा रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सांसद और राष्ट्रपति एक ही विकास यात्रा के सहयात्री हैं। हमारा संविधान, हम भारत के लोगों द्वारा अंगीकृत, अधिकृत किया गया है। राष्ट्रपति को संसदीय परिवार के अभिन्न अंग के रूप में देखता हूं। उन्होंने कहा कि हम सब संसद रूपी परिवार के सदस्य हैं, जिसमें मतभेद हो सकते हैं। पार्टियों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में सोचना चाहिए। जब पूरे देश के एक विशाल संयुक्त परिवार के रूप में देखते हैं तो मतभेद दूर करने के लिए कई रास्ते हो सकते हैं। विरोध के लिए तमाम रास्ते हो सकते हैं, लेकिन गांधीवादी ढंग से हो तो ज्यादा बेहतर

इस दौरान राष्ट्रपति ने सरकार के कामों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में दो आयोजन महत्वपूर्ण रहे। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित स्वच्छता कार्यक्रम गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि रहा है। वहीं देश की आजादी का अमृत महोत्सव भी काफी अच्छा कार्यक्रम है। दोनों कार्यक्रमों का हिस्सा होने के चलते मैं खुद को सम्मानित महसूस करता हूं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने हमें कई शिक्षा दीं। कोविड मानव भूलने लगा था कि वह प्रकृति का ही एक हिस्सा है, लेकिन कोविड ने इसे याद दिलाया। साथ ही भारत में 200 करोड़ वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम हुआ। लोगों को बड़े पैमाने पर राशन दिया गया। कोविड से मिली सीख को याद रखने की जरूरत।

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