Delhi riots 2020 Court orders FIR against Cabinet Minister Kapil Mishra

नईदिल्ली,01 अपै्रल (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। दिल्ली की एक कोर्ट ने 2020 में हुए दंगों के मामले में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह आदेश उनकी कथित भूमिका की जांच के लिए दिए हैं।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने संज्ञेय अपराध के प्रथम दृष्टया साक्ष्य को देखते हुए जांच की आवश्यकता बताई।
न्यायाधीश ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मिश्रा अपराध के समय इलाके में थे…आगे की जांच की आवश्यकता है।

न्यायाधीश चौरसिया यमुना विहार में रहने वाले मोहम्मद इलियास की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी।

बता दें कि इससे पहले मार्च में दिल्ली पुलिस ने मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग का विरोध किया था।

पुलिस ने कहा था कि मिश्रा को मामले में फंसाया जा रहा है, जबकि 2020 में हुए उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।

कपिल का 23 फरवरी, 2020 को ट्विटर पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे मौजपुर ट्रैफिक सिग्नल के पास भाषण देते दिख रहे हैं।
मिश्रा ने डीसीपी (उत्तर-पूर्व) के पास खड़े होकर जाफराबाद में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने वाली महिलाओं पर निशाना साधा था।

उन्होंने पुलिस को 3 में सड़कें खाली कराने का अल्टीमेटम दिया था और कहा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन्हें खुद सड़कों पर उतरना पड़ेगा और कोई उन्हें रोक नहीं पाएगा।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में सीएए को लेकर 24 से 26 फरवरी, 2020 के बीच लगातार 3 दिन दंगे हुए थे। इनमें 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि लगभग 500 घायल हुए थे।

मरने वालों में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल भी शामिल थे।

इस दौरान संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ था और दंगाइयों ने घरों, दुकानों और वाहनों समेत जो भी आगे आया, उसमें आग लगा दी। एक पेट्रोल पंप को भी आग लगाई थी।

कपिल मिश्रा ने भाजपा के टिकट पर करावल नगर सीट से 2025 का दिल्ली विधानसभा चुनाव जीता है। वे 2015 में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर यहां से विधायक थे।

आप सरकार में मिश्रा को जल विभाग दिया गया था, लेकिन अनियमितता का आरोप लगने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया।
इस बार भाजपा ने रेखा गुप्ता की सरकार में उन्हें कानून और न्याय विभाग, श्रम, रोजगार, कला और संस्कृति, भाषा और पर्यटन विभाग दिया है।

******************************