The security arrangements and technical management of Maha Kumbh were excellent DGP Prashant Kumar

लखनऊ ,26 फरवरी(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने महाकुंभ 2025 के अंतिम स्नान को लेकर यूपी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी प्रबंधन को लेकर अपनी बातें साझा की।

उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि को प्रयागराज में आयोजित मुख्य स्नान में अनुमानित 82 से 85 लाख श्रद्धालुओं ने पुण्य स्नान किया और इस दौरान कुल श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ से अधिक हो चुकी है। इसके अतिरिक्त पूरे प्रदेश में जगह-जगह नदियों पर स्नान किया गया है। लोग शिवालयों में जल अर्पण कर रहे हैं। सभी जगह शांति बनी हुई है।

पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने  कहा कि प्रयागराज के अतिरिक्त वाराणसी और अयोध्या में अत्यधिक भीड़ देखी जा रही है। जहां भीड़ प्रबंधन स्थानीय अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में शिव को मानने वाले सात में से पांच अखाड़ों ने दर्शन कर लिए हैं। दो अखाड़ों के दर्शन दोपहर बाद में हैं।

उन्होंने बताया कि पूरे महाकुंभ के दौरान यूपी पुलिस ने यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और इसके साथ-साथ तकनीक के इस्तेमाल की अनूठी मिसाल पेश की है। यह प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। यह अपने आप में अद्वितीय है, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में पूरे विश्व में कहीं भी लोग एकत्रित नहीं होते।

इस दौरान बिना किसी शस्त्र का प्रयोग किए हुए अपने व्यवहार और अपने सॉफ्ट स्किल के कारण इतने लोगों के साथ इंटरैक्ट करना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती थी। जिसे यूपी पुलिस ने अवसर के रूप में इस्तेमाल किया है।

उन्होंने कहा कि रेलवे और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर इसे संपन्न कराया गया है। रेलवे द्वारा मुख्य स्नान के दिन लाखों लोगों का आना सुनिश्चित कराया गया है। साथ ही सामान्य दिनों में रेलवे के जरिए दो से तीन लाख लोग अपने गंतव्य से आए और वापस भी गए। इस दौरान उनके साथ कोई घटना-दुर्घटना न हो, यह भी सुनिश्चित कराया गया है।

इसमें उत्तर प्रदेश पुलिस की एक अहम भूमिका रही है। बुधवार को 45 दिनों बाद महाकुंभ का समापन होगा। लेकिन, जो हमारे साथियों ने महाकुंभ शुरू होने से दो माह पहले कठिन वातावरण में रहकर इन सभी चीजों को सुनिश्चित कराया है, यह हम लोगों के लिए गौरव का क्षण है।

उन्होंने कहा कि इस दौरान जो विश्व में नवीनतम टेक्नोलॉजी है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक है, सभी का भरपूर इस्तेमाल किया गया, क्योंकि मुख्यमंत्री ने दिव्य-भव्य और डिजिटल महाकुंभ के बारे में परिकल्पना दी थी। इन सभी चीजों को चरितार्थ करने के लिए काफी मेहनत किया गया है। जिसके कारण जब कठिन स्थिति आई तो हमने बहुत अच्छे तरीके से उसे लागू किया।

हम लोगों ने इसकी बहुत कठिन ट्रेनिंग की है। अपने जवानों को सॉफ्ट स्किल और व्यवहार कैसे अच्छा रखा जाए, यह प्रशिक्षण की प्रक्रिया पिछले छह माह से चल रही थी। जिसका परिणाम है कि यह चीजें हुई हैं। हम लोगों ने एआई का इस्तेमाल भीड़ प्रबंधन सर्विलांस के लिए अधिक से अधिक किया है। ड्रोन और सीसीटीवी का इस्तेमाल भी किया।

डीजीपी ने बताया कि इसके अलावा भारत सरकार की अन्य एजेंसियों का भी बहुत बड़ा योगदान है। बहुत से थ्रेट आए थे, उनका भी समयबद्ध तरीके से निराकरण कराया गया। हमें पूरी तरह से गर्व है। मुझे पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री इसे देखेंगे तो हमारे बहादुर साथियों की मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी। हमारे साथियों को इनकी सेवाओं के लिए तारीफ मिलेगी। उनकी सेवा का सम्मान किया जाएगा।

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