जहरीली हवा पर SC का बडा फैसला
नई दिल्ली 25 Nov, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)- दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और AQI डाटा मांगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक अदालत इस बात को लेकर संतुष्ट नहीं हो जाती कि एक्यूआई में लगातार गिरावट है, हम स्टेज 3 या 2 में नहीं जा सकते हैं।
हालांकि, कोर्ट ने स्कूलों को लेकर नरमी बरतते हुए कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) को इस पर फैसला लेने को कहा है। फिलहाल दिल्ली-NCR में ग्रैप-4 ही लागू रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम को तुरंत यह विचार करने को कहा है कि क्या स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों पर फिजिकल क्लास की छूट दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखकर फैसला लिया जा सकता है कि कुछ बच्चे मिड-डे-मील से वंचित हैं और ऑनलाइन क्लास के लिए जरूरी सुविधाएं उनके पास ना हो।
कोर्ट ने कहा कि बहुत से स्टूडेंट्स के घर में एयर प्यूरिफायर नहीं है, इसलिए घर पर रहने और स्कूल में कोई खास फर्क नहीं। कोर्ट ने कहा कि ग्रैप-4 को तब तक नहीं घटाया जाएगा जब तक एक्यूआई में लगातार गिरावट का ट्रेंड ना दिखे। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बुधवार तक एक्यूआई डेटा देने कहा है।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा, ‘जब तक हम इस बात को लेकर संतुष्ट न हो जाएं कि एक्यूआई में लगातार कमी आ रही है, हम जीआरएपी-3 या जीआरएपी-2 से कम के प्रतिबंध लगाने का आदेश नहीं दे सकते।’ मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी।
इसके साथ ही कोर्ट ने सीएक्यूएम को श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों पर भी विचार करने को कहा है। राज्यों को निर्देश दिया गया कि निर्माण कार्यों पर रोक के दौरान उनकी सहायता की जाए।
कोर्ट ने कहा, ‘सभी राज्य निर्माण पर प्रतिबंध के दौरान मजदूरों के जीवन निर्वाह के लिए लेबर सेस के रूप में एकत्रित धन का उपयोग करें।’
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