20.4 crore household ration cards digitised Centre

नई दिल्ली 21 Nov, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) । केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने हाल ही में जानकारी दी कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 80.6 करोड़ लाभार्थियों को कवर करने वाले सभी 20.4 करोड़ परिवारों के राशन कार्ड डिजिटल कर दिए गए हैं।

इसमें 99.8 प्रतिशत राशन कार्ड और 98.7 प्रतिशत व्यक्तिगत लाभार्थियों को आधार से जोड़ा गया है, ताकि डिलिवरी सिस्टम में मौजूद खामियों को दूर किया जा सके।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वन नेशन वन राशन कार्ड पहल के तहत राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी ने देश के किसी भी हिस्से में मौजूद सभी लाभार्थियों को उसी मौजूदा राशन कार्ड के जरिए मुफ्त खाद्यान्न की नियमित उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित की है।

देश में लगभग सभी उचित मूल्य की दुकानों को कवर करते हुए 5.33 लाख ई-पीओएस डिवाइस के जरिए खाद्यान्न वितरण हो रहा है।

ये ई-पीओएस डिवाइस वितरण प्रक्रिया के दौरान लाभार्थियों के आधार प्रमाणीकरण को सक्षम करते हैं।

आज आधार प्रमाणीकरण का उपयोग कुल खाद्यान्न के लगभग 98 प्रतिशत को वितरित करने, अयोग्य लाभार्थियों को हटाने और चोरी के किसी भी जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) संगठन के सभी स्तरों पर एंड-टू-एंड ऑपरेशन और सर्विस, सेंट्रल फूड प्रोक्योरमेंट पोर्टल के विकास, मिलों को डिपो के साथ टैग करने के लिए वेयरहाउस इन्वेंट्री नेटवर्क और गवर्निंग सिस्टम एप्लिकेशन का कार्यान्वयन, एफसीआई में स्टैक स्पेस का आवंटन, खाद्य खेप की ऑनलाइन रियल-टाइम ट्रैकिंग के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम का रेलवे के साथ इंटीग्रेशन और सभी एफसीआई गोदामों का वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी रजिस्ट्रेशन के लिए सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम को भी अपनाया और इंटीग्रेट किया गया है।

सरकार ने ईकेवाईसी की प्रक्रिया के माध्यम से सही लक्ष्य सुनिश्चित करने के लिए भी व्यापक कदम उठाए हैं, जो लाभार्थियों की पहचान उनके आधार और राशन कार्ड विवरण के साथ सत्यापित होता है जिससे अपात्र लाभार्थी बाहर हो जाते हैं।

सभी सार्वजनिक वितरण प्रणाली लाभार्थियों में से 64 प्रतिशत का ईकेवाईसी किया गया है जबकि शेष लाभार्थियों के ईकेवाईसी पूरा करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। लाभार्थियों की सुविधा के लिए विभाग ने देश भर में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (राशन की दुकान) पर लाभार्थी के ईकेवाईसी की सुविधा प्रदान की है।

डिजिटलीकरण और आधार सीडिंग के कारण राशन कार्डों की डुप्लीकेशन खत्म हो गई है और लगभग 5.8 करोड़ राशन कार्ड पीडीएस सिस्टम से हटा दिए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि केवल पात्र व्यक्ति ही पीएमजीकेएवाई/एनएफएसए में शामिल हों।

बयान में कहा गया है, “डिजिटलीकरण, सही लक्ष्य निर्धारण और आपूर्ति श्रृंखला के नवीन उपायों द्वारा भारत सरकार ने राज्य प्रायोजित खाद्य सुरक्षा पहल के लिए वैश्विक मानदंड स्थापित किए है। भारत सरकार के ये उपाय खाद्यान्न हेरा-फेरी रोकने और प्रणाली के कुशल संचालन प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं ।”

************************

Read this also :-

सत्यदेव स्टारर फिल्म ज़ेबरा 22 नवंबर को रिलीज़ होगी

द साबरमती रिपोर्ट का बॉक्स ऑफिस पर बुरा हाल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *