Regimental system will remain intact in Army Central Government

नई दिल्ली 22 June (Rns): सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सेना में पारंपरिक रेजीमेंट सिस्टम जारी रहेगा। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “अग्निपथ योजना तीन चीजों को संतुलित करती है- पहली, सशस्त्र बलों की युवा प्रोफाइल, दूसरा, तकनीकी जानकार और सेना में शामिल होने वाले अनुकूलनीय लोग, तीसरा व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करती है। हमें देश की सुरक्षा के लिए सर्वश्रेष्ठ की जरूरत है।” नई भर्ती योजना अग्निपथ के देश में व्यापक विरोध और आंदोलन के बाद से यह तीनों सेनाओं की दूसरी मीडिया ब्रीफिंग थी।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा, “रक्षा सुधारों पर कई समितियां सशस्त्र बलों के लिए युवा प्रोफाइल की सिफारिश करती हैं और अग्निपथ योजना रक्षा बलों में उस बदलाव को लाने में मदद करती है। दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है। हमारे 50 प्रतिशत युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। सेना को इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। हमें इस जनसांख्यिकीय लाभांश को प्रतिबिंबित करना होगा।”

एयर मार्शल एस.के. झा ने कहा, “पहले वर्ष में दो प्रतिशत के साथ आग्नेयास्त्रों को धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है। पांचवें वर्ष में यह संख्या लगभग 6,000 हो जाएगी और 10वें वर्ष में लगभग 9,000-10,000 हो जाएगी। भारतीय वायु सेना में प्रत्येक नामांकन अब केवल ‘अग्निवीर वायु’ के माध्यम से होगा।”

इस बीच, वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना का भर्ती कैलेंडर 25 जून के लिए तय किया गया था, लेकिन यह 22 जून से शुरू होगा। ऑनलाइन पंजीकरण 1 जुलाई से शुरू होगा। वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “एग्निवर्स के लिए डीजी शिपिंग आदेश के अनुसार, 4 साल के प्रशिक्षण के बाद वे सीधे मर्चेट नेवी में जा सकते हैं।”

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