Small investors responded harshly to Hindenburg and the conspiracy of Congress

नई दिल्ली 13 Aug, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी): भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिसर्च की ताजा रिपोर्ट को अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर और कांग्रेस पार्टी के बीच की मिलीभगत और साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि देश के छोटे निवेशकों ने भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने की शरारती साजिश का करारा जवाब दिया है।

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह पूरा मामला कांग्रेस पार्टी और हिंडनबर्ग की मिली जुली साजिश है। इससे पहले जो आरोप लगाया गया था, वह सफल नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इंक्वायरी हुई, जब सेबी ने हिंडनबर्ग को जुलाई में नोटिस किया कि आप जवाब दीजिए, तब फिर यह काउंटर शुरू किया गया।

रविशंकर प्रसाद ने बातचीत में आगे कहा कि भारत को आर्थिक रूप से कमजोर करने की ये एक साजिश है। इसमें कांग्रेस पार्टी भी लगी हुई है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, भारत के पूंजी निवेशक और छोटे निवेशक बहुत प्रसन्न हैं, क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आर्थिक विकास तेजी से हुआ है। भारत की अर्थव्यवस्था पांचवें नंबर पर है जल्दी ही तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगी। सर्वाधिक पूंजी निवेश हो रहा है। फिर भी यह बात कही जा रही है।

उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो भारत के पूंजी निवेशकों का हित कर रहे हैं या फिर अहित कर रहे हैं? मुझे गर्व है कि भारत के पूंजी निवेशकों पर क्योंकि वह जरा भी भड़के नहीं। उनको पीएम मोदी की अगुवाई में भारत की आर्थिक विकास की पूरी कहानी पर विश्वास है।

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने यूपीए-1 और यूपीए-2 के शासनकाल में हुए कई घोटालों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान बड़े घोटाले हुए थे। लोग जेल गए, ठेके रद्द हुए, कोयला घोटाला में सारे अलॉटमेंट रद्द हुए, 2 जी घोटाले में लाइसेंस रद्द हुए। मोदी सरकार ईमानदारी से चलती है, इसलिए कुछ लोग बैठे हुए हैं कि भारत को आर्थिक रूप से कमजोर करो। इसमें कांग्रेस पार्टी भी शामिल है। इसका हम विरोध करते हैं।

बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के हालिया रिपोर्ट का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर किया था। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए एक्स पोस्ट में लिखा था, ”छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा का दायित्व संभालने वाले प्रतिभूति नियामक सेबी की शुचिता, इसके चेयरपर्सन के विरुद्ध लगे आरोपों से गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।”

उन्होंने ये कहा कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? अगर निवेशकों की मेहनत की कमाई डूब जाती है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा?

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