Record capital expenditure of Rs 2,62,200 crore allocated for Railways

नई दिल्ली 24 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था आज पहले से कहीं अधिक लचीली है और मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि आज की अर्थव्यवस्था कल्याण, राजकोषीय विवेक, पूंजी निवेश और विनिर्माण में निवेश का संयोजन है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा आज प्रस्तुत बजट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की समावेशी विकास पर केंद्रित आर्थिक नीतियों की निरंतरता है, जो पिछले दस वर्षों में इस सरकार का मुख्य आधार रही है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने पर विशेष जोर दिया है। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया। इस वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने रेलवे के लिए रिकॉर्ड 2,62,200 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय आवंटित किया है। 2024-25 के दौरान रेलवे के लिए सकल बजटीय समर्थन 2,52,200 करोड़ रुपये है। इससे पहले, 2023-24 में सकल बजटीय सहायता 2,40,200 करोड़ रुपये होगी जो 2013-14 में केवल 28,174 करोड़ रुपये थी।

पूंजीगत व्यय के परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं क्योंकि भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1588 मीट्रिक टन का सर्वकालिक उच्च माल लदान हासिल किया है जो 2014-15 में 1095 मीट्रिक टन था और रेलवे 2030 तक 3,000 मीट्रिक टन के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। रेलवे ने 2023-24 में 2,56,093 करोड़ रुपये की सर्वकालिक उच्च कुल प्राप्तियां हासिल कीं और पूंजीगत व्यय के पूरक के लिए 3,260 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व उत्पन्न किया।

बाद में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को रेलवे के लिए 2,62,200 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आवंटन के लिए धन्यवाद देता हूं। रेलवे में सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए एक महत्वपूर्ण निधि निर्धारित की गई है। इस सरकार के तीसरे कार्यकाल में रेलवे को बढ़ावा मिलना जारी है।”

रेलवे ने बुनियादी ढांचे में भी कई उपलब्धियां हासिल की हैं। पिछले 10 वर्षों में रेलवे ने 31,180 किलोमीटर ट्रैक चालू किए हैं। ट्रैक बिछाने की गति 2014-15 में 4 किलोमीटर प्रतिदिन से बढक़र 2023-24 में 14.54 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है। 2014-2024 के दौरान भारतीय रेलवे ने 41,655 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है, जबकि 2014 तक यह आंकड़ा केवल 21,413 रूट किलोमीटर था।

इस वर्ष के बजट में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई है। ये धनराशि रणनीतिक नोड्स पर औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का समर्थन करेगी: विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे पर कोप्पार्थी, आंध्र प्रदेश में हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे पर ओर्वाकल और बिहार में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे पर गया। इस पहल का उद्देश्य भारत के पूर्वी क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति देना है।

रेलवे ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक नया दृष्टिकोण अपनाया है। मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए पीएम गति शक्ति मिशन के तहत तीन आर्थिक रेलवे कॉरिडोर- ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर (192 परियोजनाएं); बंदरगाह कनेक्टिविटी कॉरिडोर (42 परियोजनाएं) और उच्च यातायात घनत्व कॉरिडोर (200 परियोजनाएं) की पहचान की गई है। क्षमता वृद्धि, उच्च घनत्व वाले नेटवर्क की भीड़भाड़ को कम करना, देश में लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाना, यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना और उनकी सुरक्षा सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र बने हुए हैं।

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