17.07.2024 – मलयालम सिनेमा के चर्चित निर्देशक चिदंबरम फैंटम स्टूडियो के साथ मिलकर एक रोमांचक नए हिंदी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। फैंटम स्टूडियोज की सीईओ सृष्टि बहल ने ऑफिशियल तौर से इस पार्टनरशिप की घोषणा की है। जो निर्देशक चिदंबरम और प्रोडक्शन कंपनी दोनों के लिए नए क्रिएटिव क्षेत्रों में एक बड़ा कदम है।
इस नए प्रोजेक्ट के साथ मलयालम सिनेमा में अपने बेहतरीन डायरेक्शन के लिए मशहूर चिदंबरम अब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं।
विदित हो कि युवा निर्देशक चिदंबरम को ‘मंजुम्मेल बॉयज’ में उनके काम के लिए तारीफें मिलीं हैं, जो कि एक क्रिटिकल और कमर्शियल सक्सेस रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म ने 3.3 करोड़ रुपए संग बॉक्स ऑफिस पर अपनी अच्छी ओपनिंग की, लेकिन पिछले दिनों जबरदस्त परफॉर्मेंस करते हुए, इस फिल्म ने 242.3 करोड़ रुपए की लाइफटाइम कमाई कर कई बॉक्स ऑफिस रिकॉर्ड तोड़े।
20 करोड़ रुपए के बजट में बनी ‘मंजुम्मेल बॉयज़’ बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ रुपए से ज़्यादा की कमाई करने वाली पहली मलयालम फ़िल्म बन गई है, जिसने 2023 में रिलीज़ होने पर 2018 में बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इसके साथ ही यह 2024 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्मों में से एक बन गई है।
फैंटम स्टूडियोज की सीईओ सृष्टि बहल ने इस सहयोग के बारे में अपने उत्साह को जाहिर करते हुए कहा है, “हम फैंटम परिवार में चिदंबरम का स्वागत करते हुए बेहद खुश हैं। फैंटम स्टूडियो में, हमने हमेशा क्रिएटिविटी पर फोकस किया है, और डायरेक्टर को अपना बेस्ट काम करने के लिए सशक्त बनाया है।
इस नए दौर में जहां फिल्म मेकर्स भाषा की सीमा में बंधे नहीं हैं, हमारा लक्ष्य हिंदी सिनेमा में अलग – अलग क्षेत्रों की अनोखी आवाज़ों को पेश करना है। हमारा लक्ष्य ऐसी कहानियाँ बनाना है, जो भाषाई बाधाओं से परे हों।
हिंदी फिल्म जगत में अपने डेब्यू के बारे में बात करते हुए चिदंबरम ने अपनी उत्सुकता जाहिर करते हुए कहा है, “मैं हिंदी मेनस्ट्रीम सिनेमा में कदम रखने के लिए वाकई उत्साहित हूं।
लेकिन ‘मंजुम्मेल बॉयज़’ हमेशा एक खास जगह रखेगा, मैं अपनी पहली हिंदी फीचर फिल्म के लिए फैंटम स्टूडियो के साथ साझेदारी करके सम्मानित और बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं। यह नई कहानियों को तलाशने और ज्यादा से ज्यादा दर्शकों से जुड़ने का मौका है, साथ ही कहानी कहने के उस तरीके पर खरा उतरना है जो मेरे काम को परिभाषित करता है।”
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय
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