अब रक्षा उत्पाद होगा Make in India, हजार करोड़ से ज्यादा का होगा फायदा
नई दिल्ली 16 Jully (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : रक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भरता की ओर एक और कदम आगे बढ़ाया है। डिफेंस प्रोडक्शन डिपार्टमेंट ने कहा है कि 346 रक्षा उत्पाद स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदे जाएंगे जिससे एक हजार करोड़ से ज्यादा का लाभ होगा। रक्षा उत्पादन विभाग ने 346 वस्तुओं की पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (पीआईएल) जारी करते हुए यह बात कही है। इस सूची में रणनीतिक रूप से अहम लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट, असेंबली, सब-असेंबली, सिस्टम, सब-सिस्टम, और रक्षा उत्पादों के लिए कच्चा माल शामिल है। इसके बाद सरकारी रक्षा कंपनियां इन उत्पादों का आयात नहीं कर सकेंगी।
आयात के बचेंगे 1,048 करोड़ रुपए
रक्षा मंत्रालय ने 2020 में सृजन डिफेंस पोर्टल लॉन्च किया था। इस पोर्टल पर रक्षा उत्पादन विभाग व सेवा मुख्यालय, एमएसएमई कंपनियों और विभिन्न स्टार्ट-अप सहित उद्योगों को स्वदेशीकरण के लिए रक्षा वस्तुएं प्रदान करते हैं। स्वदेशीकरण की जो नई लिस्ट तैयार की गई है, उनकी एक समयसीमा के बाद भारतीय उद्योगों से खरीद की जाएगी। रक्षा सूत्रों ने बताया है कि इससे आयात के 1,048 करोड़ रुपए बचेंगे। साथ ही अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी इससे तेज होगी। इसके अलावा रक्षा के क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी। सरकार के इस कदम से अकादमिक व अनुसंधान संस्थानों की भागीदारी के चलते घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमता भी बढ़ेगी।
ये भारतीय कंपनियां तैयार करेंगी रक्षा उत्पाद
रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा जिन वस्तुओं की लिस्ट जारी की गई है, उनमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, बीईएमएल लिमिटेड, इंडिया आप्टेल लिमिटेड, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा तैयार किया जाएगा। सरकार के रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा इससे पहले, तैयार की गईं ये पांच सूचियां सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) द्वारा अधिसूचित 509 वस्तुओं की पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों के अतिरिक्त हैं। इन सूचियों में अत्यधिक जटिल प्रणालियां, सेंसर, हथियार और गोला-बारूद शामिल हैं।
7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के आर्डर
जून 2024 तक, डीपीएसयू और एसएचक्यू द्वारा स्वदेशीकरण के लिए रक्षा उद्योग को 36,000 से अधिक रक्षा वस्तुओं की पेशकश की गई थी। उनमें से, पिछले तीन वर्षों में 12,300 से अधिक वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया है। इसके चलते घरेलू रक्षा कंपनियों को 7,572 करोड़ रुपए के आर्डर मिले हैं।
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