Brave Rahul came out from the mouth of death by winning the battle of life

* छत्तीसगढ़ में मिशन 101 कामयाब

*मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास

रायपुर, 14 जून (आरएनएस)जांबाज राहुल।जिंदगी की जंग जीतकर मौत के मुंह से बाहर निकला .  छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा के पिहरीद का 10 वर्षीय बालक राहुल आखिरकार मौत के मुंह से बाहर आ गया। राहुल पिछले एक सौ पांच घंटे तक बोरवेल के 65 फीट गहरे गड्ढे में फंसा रहा। पांच दिनों तक एक ही पोजीशन में बाहर निकाले जाने की आस लिए 10 साल के राहुल के जज्बे को न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लोग सलाम कर रहे है।

कई घंटों तक गले तक पानी में डूबे राहुल ने हार नहीं मानी और आखिरकार अपनी हिम्मत, रेस्क्यू टीम की मेहनत और लोगों की दुवाओं के दम पर जिंदगी की जंग जीत ली। रेस्क्यू टीम ने राहुल को मंगलवार रात टनल के जरिए बाहर निकाल लिया और तत्काल उसे उपचार के लिए बिलासपुर के अपोलो अस्पताल रवाना किया गया। राहुल को बचाने के अभियान के दौरान पल पल की जानकारी लेकर दिशानिर्देश देने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के साहस को सलाम किया है।

उन्होंने बचाव कार्य में लगी एनडीआरएफ एसडीआरएफ,सेना सहित सभी टीमों की सराहना की है। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बचाव कार्य में जुटने वाले दलों को धन्यवाद दिया है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू बचाव अभियान पर लगातार नजर रखे हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी राहुल की सलामती की कामना के साथ लगातार अपडेट लेते रहे।

रेस्क्यू ऑपरेशन के पांचवें दिन मंगलवार को बेहद सावधानी के साथ बचाव कार्यवाही की गई। कुछ चट्टानों को कटाई कर वाइब्रेटर चलाया गया। मलबा हटाने की कार्यवाही की गई। ड्रिल से चट्टान काटने के बाद विक्टिम लोकेशन कैमरा लगाया गया। इस विशेष कैमरे से दीवार या चट्टानों के उस पार से आने वाली आवाजों को आसानी से सुना जा सकता है। कैमरे से आवाज सुनकर रेस्क्यू को और आसान बनाया गया। एनडीआरएफ के जवान इस व्हीएलसी कैमरे की जाँच कर आवश्यक तैयारी में जुटे रहे।

रेस्क्यू दल ने अंतिम कार्यवाही सुरंग के भीतर शुरू की। बल्ली ले जाकर एक स्ट्रक्चर खड़ा किया गया। टीम ने वाइब्रेटर से राहुल के नीचे के पत्थर को छीलने जैसा जतन करते हुए उसके एकदम नजदीक पहुंची। हालांकि कई बार पानी भरने के चलते काम धीम हुआ जिसके लिए रेस्क्यू टीम ने पूरे गांव के बोर को चालू करवाया ताकि जिस गडढे में राहुल फंसा हुआ है वहां पानी न भरे। इस बीच शाम ढलने के साथ ही उम्मीद का सूरज ऊगता महसूस हुआ।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सारी व्यवस्था पहले से ही पूरी कर ली गई थी। राहुल को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार था। डॉक्टरों की टीम पूरी तैयारी के साथ अलर्ट थी कि जैसे ही राहुल बोरबेल से बाहर निकाला जाय उसे फौरन अस्पताल ले जाएं। अस्पताल में भी पहले से ही तैयारी की गई थी। सेना की टीम ने इस अभियान का नेतृत्व किया। वहीं इस रेस्क्यू ऑपरेशन को देखने मौके पर हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए थे।और जैसे ही राहुल के करीब होने की सूचना मिलती थी लोगो मे उत्साह उमड़ आता था।और लोग भारत माता की जय जैसे नारे भी लगा रहे थे।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा के पिहरीद का 10 वर्षीय बालक राहुल साहू पिछले शुक्रवार को दोपहर तीन बजे खेलते खेलते अपने घर के पीछे बने बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। जिसे बचाने के लिए शासन प्रशासन लगतार जुटा हुआ था। जिसे 105 घंटे चले रेस्क्यू अभियान के बाद बाहर निकाल लिया गया।

**************************************

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के मायने

इसे भी पढ़ें : संकटकाल में नयी चाल में ढला साहित्य

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *