SC reprimands Kejriwal government on Delhi water crisis petition

कहा-हमें हल्के में न लें…

नईदिल्ली,10 जून(Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली जल संकट याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें हल्के में मत लीजिए। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को उसकी याचिका में खामियों को दूर न करने के लिए यह फटकार लगाई रहै।

याचिका में हरियाणा को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट को कम करने के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त पानी को छोड़ दें।जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार की दायर याचिका में त्रुटि के कारण रजिस्ट्री में हलफनामे स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। आगे कहा,आपने त्रुटि को ठीक क्यों नहीं किया? हम याचिका खारिज कर देंगे।

पिछली तारीख पर भी इस ओर ध्यान दिलाया गया था और फिर भी आपने त्रुटि को दूर नहीं किया। अदालती कार्यवाही को हल्के में न लें, चाहे आपका मामला कितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो।बेंच ने मामले की सुनवाई 12 जून तक स्थगित करते हुए कहा, हमें कभी हल्के में न लें। फाइलिंग स्वीकार नहीं की जा रही है। आप सीधे कोर्ट को कई दस्तावेज सौंपते हैं और फिर कहते हैं कि आपके पास पानी की कमी है और आज ही आदेश पारित कर देते हैं।

आप सभी तरह की अत्यावश्यकता का हवाला देते हैं और आराम से बैठे रहते हैं। सब कुछ रिकॉर्ड में आने दें। हम इस पर परसों सुनवाई करेंगे।कोर्ट ने सुनवाई में आगे कहा कि वह मामले की सुनवाई से पहले फाइलें पढऩा चाहती है, क्योंकि अखबारों में बहुत-सी बातें छपी हैं। पीठ ने कहा, अगर हम अपने आवासीय कार्यालय में फाइलें नहीं पढ़ेंगे तो अखबारों में जो कुछ भी छप रहा है, उससे हम प्रभावित होंगे। यह किसी भी पक्ष के लिए अच्छा नहीं है।

शुरुआत में हरियाणा की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल जवाब पेश किया। कोर्ट ने दीवान से पूछा कि उन्होंने अब जवाब क्यों दाखिल किया? दीवान ने जवाब दिया कि चूंकि दिल्ली सरकार की याचिका में खामियों को दूर नहीं किया गया है, इसलिए रजिस्ट्री ने जवाब पहले दाखिल करने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद काज्द ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि खामियों को दूर कर दिया गया है।

दिल्ली में जलसंकट मामले में कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश से पहले कहा था और हिमाचल प्रदेश सरकार को शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी और हरियाणा को 137 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोडऩे का निर्देश दिया था ताकि इसका प्रवाह सुगम हो सके। साथ ही यह भी कहा था कि पानी को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।

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