License of 14 products of Divya Pharmacy and Patanjali suspended

उत्तराखंड सरकार ने उच्चतम न्यायालय में दाखिल किया हलफनामा

नई दिल्ली 30 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सरकार ने एक हलफनामा दाखिल कर शीर्ष अदालत के समक्ष कहा है कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने 15 अप्रैल को निलंबन संबंधी आदेश जारी किया। यह हलफनामा प्राधिकरण की ओर से इसके संयुक्त निदेशक मिथिलेश कुमार ने दायर किया है। राज्य सरकार ने जिन उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है, उनमें ‘स्वसारि गोल्ड’, ‘स्वसारि वटी, ब्रोंकोम’, ‘स्वसारि प्रवाही’, ‘स्वसारि अवलेह’, ‘मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिपिडोम’, ‘बीपी ग्रिट’, ‘मधुग्रिट’, ‘मधुनाशिनी’ वटी एक्स्ट्रा पावर’, ‘लिवमृत एडवांस’, ‘लिवोग्रिट’, ‘आईग्रिट गोल्ड’ और ‘पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप’ शामिल हैं।

संयुक्त निदेशक ने अदालत के आदेशों का अनजाने में अनुपालन नहीं करने के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। इसके साथ ही अदालत को आश्वासन दिया है कि वह (प्राधिकरण) जानबूझकर कोई ऐसा कार्य नहीं करेगा, जो शीर्ष अदालत के किसी भी आदेश की अवज्ञा करेगा या इसकी महिमा को कमजोर करेगा। संयुक्त निदेशक ने शीर्ष अदालत से यह कहा, ‘वह स्थिति और मामले की गंभीरता से पूरी तरह अवगत हैं। उन्होंने हमेशा अपनी सर्वोत्तम क्षमता और कानून के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का प्रयास किया है।”उत्तराखंड सरकार ने अदालत को यह भी कहा कि वह दिव्य फार्मेसी या पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ कानून में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार या इस शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार सभी उचित या आगे के कदम उठाना जारी रखेगी।

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ (शीर्ष अदालत की) 30 अप्रैल को सरकार के हलफनामे में विचार करेगी।उच्चतम न्यायालय ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की 2022 की एक याचिका से संबंधित अदालती अवमानना के मामले की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड सरकार से जवाब तलब किया था। उसे इस संबंध में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था। आईएमए ने अपनी याचिका में पतंजलि आयुर्वेद पर कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों (एलोपैथ) को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है।इस मामले में अदालत की अवमानना करने पर पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक योग गुरु स्वामी रामदेव और कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण अदालत से बिना शर्त माफी मांग चुके हैं।कंपनी की ओर से विभिन्न अखबारों में भी विज्ञापन जारी कर माफी मांगी गई थी।

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