Sanjay Nirupam's big allegation, Sanjay Raut is the kingpin of Khichdi scam

परिवार के माध्यम से ली रिश्वत

मुंबई 08 April, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) )  :  संजय निरुपम ने सोमवार को एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि शिव सेना (यूबीटी) के नेता तथा सांसद संजय राउत ‘खिचड़ी घोटले’ के सरगना हैं और उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों तथा कारोबारी सहयोगियों के माध्यम से मामले में रिश्वत ली है।

निरुपम ने कहा, “प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को संजय राउत के परिवार के सदस्यों को जांच के दायरे में लाना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। वह उस पूरे घोटाले के मुख्य सरगना हैं जिसमें गरीब प्रवासियों के खाने के लिए दिया गया पैसा लूट लिया गया।”

उन्होंने दावा किया कि आरोपी कंपनी सह्याद्री रिफ्रेशमेंट्स ने कथित तौर पर चेक में रिश्वत का भुगतान किया था जो राउत की बेटी, उनके भाई और उनके एक पार्टनर के बैंक खातों में जमा किए गए थे।

निरुपम ने दलील दी कि सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट्स द्वारा जारी कई चेक, जिनकी राशि लगभग एक करोड़ रुपये है, मई 2020 से जनवरी 2021 के बीच अलग-अलग तारीखों पर राउत की बेटी, उनके भाई, और एक बिजनेस पार्टनर के बैंक खातों में जमा किये गये थे।

उन्होंने कहा कि 3.5 लाख, पांच लाख, 1.25 लाख और तीन लाख रुपये के चेक राउत की बेटी के बैंक खाते में; पांच लाख और 1.25 लाख रुपये के चेक (भाई के खाते में); और 14 लाख, 14 लाख, 10 लाख, 1.90 लाख और 1.90 लाख रुपये के चेक पार्टनर सुजीत पाटकर के खाते में जमा कराये गये थे।

निरुपम ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट्स को कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों के लिए 35 रुपये प्रति प्लेट पर 300 ग्राम ‘खिचड़ी’ उपलब्ध कराने का ठेका दिया था।

निरुपम ने कहा, “बदले में, सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट्स ने एक सब-कॉन्ट्रैक्टर को 16 रुपये प्रति प्लेट की दर से 100 ग्राम ‘खिचड़ी’ की आपूर्ति करने का ठेका दिया। इसका मतलब यह है कि गरीबों, फंसे हुए प्रवासियों के लिए बनाई गई 200 ग्राम ‘खिचड़ी’ संजय राउत और उनके सहयोगियों द्वारा ‘चोरी’ कर ली गई।”

इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि सब-कॉन्ट्रैक्टर ने कथित तौर पर अनुबंध की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पश्चिमी उपनगरीय इलाके में एक निजी रेस्तरां की रसोई दिखाई थी, “वह भी उस रेस्तरां की जानकारी के बिना, और उसके मालिक ने इस आशय का एक हलफनामा दायर किया है”।

ये सभी चौंकाने वाली घटनाएं तब हुईं, जब तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे हर दूसरे दिन सोशल मीडिया पर लाइव आते थे और आश्वासन देते थे कि उन्होंने फंसे हुए मजदूरों के भोजन और कल्याण की जिम्मेदारी ली है।

निरुपम ने ईडी से इन पहलुओं पर अपनी जांच का दायरा बढ़ाने और संजय राउत के साथ-साथ शिव सेना (यूबीटी) के लोकसभा उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को ‘खिचड़ी घोटाले’ में शामिल होने के लिए गिरफ्तार करने का आह्वान किया।

संयोगवश, निरुपम ने राउत को अपना ‘दोस्त’ बताया था। दोनों ने ठाकरे परिवार द्वारा नियंत्रित ‘सामना’ समाचार पत्र समूह द्वारा प्रकाशित ‘दोपहर का सामना’ और ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक के रूप में काम किया था और दोनों को पार्टी ने राज्यसभा सांसद बनाया था।

निरुपम को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ महा विकास अघाड़ी सहयोगी शिव सेना (यूबीटी) नेताओं के खिलाफ बयानबाजी के बाद पिछले सप्ताहांत कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया गया था, और अब उनके किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने की संभावना है।

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