Chinese ship stopped in Mumbaifinaljustice.in

*पाकिस्तान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल *

नई दिल्ली 03 March, (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी) : चीन से पाकिस्तान जा रहे एक जहाज को मुंबई में रोक लिया गया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इस जहाज में कुछ ऐसा है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए किया जा सकता था। कस्टम अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर माल्टा के झंडे वाले व्यापारिक जहाज सीएमए सीजीएम अत्तिला को 23 जनवरी को बंदरगाह पर रोका। जांच के दौरान इसमें कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल (सीएनसी) मशीन भी मिली, जिसे एक इटैलियन कंपनी ने बनाया था।

सीएनसी मशीनों को कंप्यूटर से कंट्रोल किया जाता है, ऐसा मैनुअली करना पॉसिबल नहीं है। डीआरडीओ की एक टीम ने भी जहाज में लदी खेप का निरीक्षण किया। जांच में सामने आया कि जहाज में लदी चीजों का इस्तेमाल पड़ोसी देश अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए कर सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह इक्विपमेंट पाकिस्तान के मिसाइल विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण हो सकता है। गौरतलब है कि 1996 के बाद से, सीएनसी मशीनों को वासेनार अरेंजमेंट में शामिल किया गया है। यह एक इंटरनेशनल आर्म्स कंट्रोल है, जिसका उद्देश्य नागरिक और सैन्य उपयोग दोनों के साथ उपकरणों के प्रसार को रोकना है।

सीएनसी मशीनों का इस्तेमाल उत्तरी कोरिया में न्यूक्लियर प्रोग्राम्स के लिए किया गया था। मुंबई पोर्ट के अधिकारियों ने भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को इस बारे में अलर्ट किया था। इसके बाद निरीक्षण किया गया और कंसाइनमेंट को सीज कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की जांच में संकेत मिले हैं कि 22,180 किलोग्राम वजन की खेप ताइयुआन माइनिंग इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट कंपनी लिमिटेड द्वारा भेजी गई थी। इसे कॉसमॉस इंजीनियरिंग के लिए पाकिस्तान ले जाया गया था। यह पहली बार नहीं है ब भारतीय बंदरगाह अधिकारियों ने चीन से पाकिस्तान भेजे जाने वाले इस तरह के दोहरे उपयोग वाले सैन्य-ग्रेड आइटम जब्त किए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि चिंता यह है कि पाकिस्तान चीन से उन चीजों को हासिल कर सकता है, जिस पर यूरोप और अमेरिका ने बैन लगा रखा है। पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के लिए चीनी समर्थन भी परेशान करने वाली बात है। गौरतलब है कि 2020 में मिसाइल बनाने के लिए खास ऑटोक्लेव को पाकिस्तान जाने वाले चीनी जहाज पर औद्योगिक उपकरण के रूप में छुपाया गया था। जांच का मकसद यह पता लगाना है कि क्या इन संदिग्ध पाकिस्तानी संस्थाओं ने दोहरे इस्तेमाल वाली इन सामग्रियों की आपूर्ति डिफेंस साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑर्गनाइजेशन (डीईएसटीओ) को की है।

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