रांची 18 Feb, (एजेंसी): झारखंड में चंपाई सोरेन कैबिनेट के विस्तार के बाद बगावत पर उतरे कांग्रेस के एक दर्जन विधायकों की मान-मनौवल की कोशिश फिलहाल नाकाम हो गई है। कांग्रेस के 8 विधायक आलाकमान से मिलने राजधानी पहुंच गए हैं, जबकि 4 अन्य विधायक रविवार सुबह रवाना होने वाले हैं।
सीएम चंपाई सोरेन भी दिल्ली गए हैं। उनका कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी के अन्य नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि सीएम सोरेन की कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के मुद्दे पर बात हो सकती है। कांग्रेस के नाराज विधायकों की मांग है कि चंपाई सोरेन कैबिनेट में उनकी पार्टी से जिन चार लोगों को मंत्री बनाया गया है, उन्हें हटाकर नए चेहरों को मौका दिया जाए। ये चारों हेमंत सोरेन की सरकार में भी मंत्री थे, लेकिन इनमें से किसी का परफॉर्मेंस ऐसा नहीं है कि इन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह दी जानी चाहिए थी।
इन नाराज विधायकों ने शनिवार को रांची के बिरसा चौक स्थित एक होटल में बैठक की। उन्हें मनाने के लिए मंत्री बसंत सोरेन भी वहां पहुंचे। उन्होंने विधायकों से बात की, लेकिन वे अपनी मांग से अड़े रहे। विधायकों ने कह दिया है कि अगर कांग्रेस कोटे के चारों मंत्रियों आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल को नहीं हटाया गया तो वे 23 फरवरी से होने वाले विधानसभा के बजट सत्र का बहिष्कार करेंगे।
अगर ये विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे तो चंपाई सोरेन की सरकार विधानसभा सत्र के दौरान खतरे में पड़ सकती है। बजट मनी बिल होता है और इसपर मतदान के दौरान अल्पमत में रहने से सरकार गिर सकती है। बता दें कि शुक्रवार को हुए मंत्रिमंडल विस्तार के समय विधायकों ने अपनी नाराजगी जताते हुए खुद को सर्किट हाउस के कमरे में बंद कर लिया था।
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