Know which party received how much political donation, income tax keeps a close eye on those who donate

नई दिल्ली 15 Feb, (एजेंसी) – सुप्रीम कोर्ट ने वीरवार को देश में राजनीतिक दलों के चंदे लिए 2018 बनाई गई चुनावी बांड योजना को गुरुवार को सर्वसम्मति से रद्द कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की संविधान पीठ ने ये फैसला दिया।

आगामी लोकसभा और दूसरे चुनावों पर भी इस फैसले का असर पड़ सकता है क्योंकि राजनीतिक दलों की भविष्य की फंडिंग भी इस फैसले से प्रभावित होगी। राजनीतिक दलों को चंदे की बात करें तो वित्त वर्ष 2017 से लेकर 2021 के बीच इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए करीब 9 हजार 188 करोड़ रूपये का चंदा राजनीतिक दलों को मिला।

ये चंदा 7 राष्ट्रीय पार्टी और 24 क्षेत्रीय दलों के हिस्से आया। पांच सालों में चुनावी बॉन्ड से बीजेपी को 5 हजार 272 करोड़, कांग्रेस को 952 करोड़ रूपये और बाकी के बचे लगभग 3 हजार करोड़ रूपये में 29 राजनीतिक दलों को चंदा मिला। पांच बरस में इलेक्टोरल बॉन्ड के कुल चंदे का बीजेपी को जहां 57 फीसदी तो कांग्रेस को केवल 10 फीसदी मिला।

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बाद इस सूची में तीसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस रही। इस बीच छोटे राजनीतिक दलों को चंदे के नाम पर टैक्स चोरी करने वालों पर भी इनकम टैक्स विभाग की नजर है। विभाग ने कई टैक्सपेयर्स को नोटिस थमाया है। विभाग को शक है कि इन लोगों ने इनकम टैक्स बचाने के लिए बोगस राजनीतिक दलों को चंदा दिया है।

ये ऐसे राजनीतिक दल हैं जो रजिस्टर्ड तो हैं लेकिन चुनाव आयोग ने उन्हें मान्यता नहीं दी है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से करीब 5 हजार नोटिस भेजे जा चुके हैं। आने वाले दिनों में अभी और नोटिस भेजे जाएंगे।

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