Women will play leading role in making India a developed nation President Murmu

जयपुर 15 Feb, (एजेंसी)-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि समाज के अन्य वर्गों के लोग आदिवासी समाज से बहुत कुछ सीख सकते हैं। जनजातीय समुदायों ने स्वशासन के अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर प्रसन्नतापूर्वक कैसे जीवन जिया जाता है यह आदिवासी समाज से सीखा जा सकता है। आदिवासी समाज से हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना न्यूनतम संसाधनों में बेहतर जीवन जीना भी सीख सकते हैं। महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में भी आदिवासी समाज ने देश को दिशा दिखाई है।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु बुधवार को असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति में डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम में आयोजित ’’लखपति दीदी सम्मेलन’’ को संबोधित कर रही थी। राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं को नेतृत्व प्रदान करते हुए विकास की अवधारणा को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए पूरे समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे। उन्होंने महिलाओं में शिक्षा एवं कौशल विकास को बढ़ावा दिए जाने पर बल दिया जिससे महिलाएं देश और दुनिया की प्रगति में बराबर की भागीदार बन सकें। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाएंगी।

उन्होंने कहा कि महिलाओं की सफलता के बल पर ही भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। हमारा देश तभी आत्मनिर्भर हो सकता है, जब हमारी हर इकाई आत्मनिर्भर होगी। उन्होंने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूहों और उससे जुड़े सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने इस पर प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वयं सहायता समूह अपनी सदस्यों को कार्यशील पूंजी प्रदान करने के साथ-साथ मानव पूंजी और सामाजिक पूंजी के निर्माण में भी सराहनीय भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर में 3 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है। उनके संकल्प को साकार करने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रदेश की 11 लाख 27 हजार महिलाओं को अगले तीन वर्षों में चरणबद्ध रूप से लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि इनमें 2.80 लाख महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ भी चुकी हैं। शर्मा ने कहा कि राजस्थान की नारी साहस और बलिदान का प्रतीक रही हैं।

पन्नाधाय ने अपने बेटे का बलिदान देकर मिसाल कायम की थी। कालीबाई भील ने भी अपने गुरु के लिए प्राणों का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने संसद तथा विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण का प्रावधान करने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया है। इससे लोकतंत्र में महिलाओं की पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। लखपति दीदी योजना के माध्यम से महिलाओं में कौशल विकास कर उनकी सालाना आमदनी एक लाख रुपए करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी।

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के तत्वावधान में हुए इस सम्मेलन में राजीविका से संबद्ध महिला स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से 250 करोड़ रुपए की ऋण राशि तथा महिला निधि के तहत 50 करोड़ की राशि के चैक वितरित किए गए। राज्य में राजीविका मिशन द्वारा तीन लाख 81 हजार स्वयं सहायता समूह के माध्यम से 46 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया है।

इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु तथा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्वयं सहायता समूहों से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनसे जुड़ी महिला उद्यमियों से संवाद किया। उन्होंने सम्मेलन में सौर ऊर्जा, लकड़ी उत्पाद, मिनियेचर पेंटिंग, जूट के उत्पाद, हस्तनिर्मित कागज़ के उत्पाद, कशीदाकारी तथा गलीचा उत्पाद, चमड़ा उत्पाद, हर्बल जैविक गुलाल, प्रधानमंत्री वन धन विकास योजना, गुलाब के उत्पाद, टेराकोटा आर्ट, ब्लॉक प्रिंट, लाख की चूड़ियां, तीर कमान तथा महिला किसान समूह से संबंधित स्टॉल्स का अवलोकन किया और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने एक महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य गीता देवी से हस्त निर्मित तीर कमान भी खरीदे। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाली 11 राजीविका सखियों को पुरस्कृत किया गया।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बेणेश्वर धाम स्थित श्री हरि मंदिर में दर्शन और पूजा अर्चना भी की। वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामचन्द्र खराड़ी एवं महन्त श्री अच्युतानंद महाराज ने मंदिर में पूजा करवाई। इसके बाद उन्होंने संत मावजी महाराज के संग्रहालय का भी अवलोकन किया। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने धाम के इतिहास, महत्व और संत मावजी महाराज के लिखे चोपड़े के बारे में जानकारी ली। राष्ट्रपति के सम्मेलन स्थल पर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति के समक्ष जनजाति अंचल की कला-संस्कृति की झलक प्रस्तुत की गई। आदिवासी लोक कलाकारों ने वागड़ अंचल के प्रसिद्ध दांगड़ी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर अतिथियों को मोह लिया।

समारोह में ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ी लाल मीणा, जनजातीय क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, राजस्व मंत्री हेमंत मीणा, सांसद कनक मल कटारा, विधायक फूल सिंह मीणा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज अभय कुमार, शासन सचिव ग्रामीण विकास आशुतोष ए. टी. पेडणेकर, शासन सचिव जनजातीय क्षेत्रीय विकास जोगाराम सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी तथा बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं उपस्थित थीं।

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