Maratha reservation movement ends in Maharashtra, Shinde government accepts demands

मुंबई 27 Jan, (एजेंसी): महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय की सभी मांगें मान ली हैं, जिसके बाद शनिवार तड़के उनका आंदोलन समाप्त हो गया। शिव संगठन नेता मनोज जारांगे-पाटिल और सरकारी प्रतिनिधिमंडल ने आधी रात के आसपास विस्तृत चर्चा की जो सफल रही। बाद में, सरकार ने एक आधिकारिक अधिसूचना (सरकारी संकल्प) जारी की, जिसकी एक प्रति सुबह करीब 5 बजे जारांगे-पाटिल को सौंपी गई। इसके बाद उन्होंने अपनी टीम से परामर्श किया और आंदोलन ख़त्म करने का फैसला किया।

रात भर चले ऑपरेशन में शामिल लोगों में मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और दीपक केसरकर, सामाजिक न्याय विभाग के सचिव सुमंत भांगे, औरंगाबाद के डिविजनल कमिश्नर मधुकर अरंगल और सीएम के निजी सचिव डॉ अमोल शिंदे जैसे शीर्ष अधिकारी शामिल थे। नवी मुंबई में एकत्र हुए लाखों मराठा 6 महीने लंबे अभियान की सफलता पर ढोल बजाते, नाचते और गाते हुए सुबह जश्न मनाने लगे। मराठा नेताओं ने घोषणा की है कि वे योजना के मुताबिक मुंबई में प्रवेश नहीं करेंगे और आज एक विजय रैली के बाद राज्य भर से यहां आए लाखों लोग घर लौटना शुरू कर देंगे।

आपको बता दें कि मुंबई में मराठा आरक्षण को लेकर काफी समय से तनाव चल रहा है। विरोध प्रदर्शन करने से पहले मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर 24 दिसंबर तक कोई फैसला कर ले। जरांगे ने कहा था कि तमाम विवाद और आंदोलनों के बाद भी मराठा समाज के पिछड़ेपन के मुद्दे पर सरकार ने सर्वे का काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ये सर्वे पूरे प्रदेश में होना है। 22 दिसंबर को महाराष्ट्र ओबीसी आयोग की बैठक होने वाली थी। इसी बैठक को देखते हुए मनोज जरांगे ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था, और ओबीसी कोटे के अंदर मराठा आरक्षण की मांग की थी।

***********************

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *