एक-व्यक्ति-एक-पद-का-सिद्धा

कांग्रेस के खिलाफ प्रादेशिक पार्टियों ने मोर्चा खोला है. उदयपुर में कांग्रेस के नव संकल्प शिविर के आखिरी दिन अपने समापन भाषण में राहुल गांधी ने प्रादेशिक पार्टियों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि प्रादेशिक पार्टियों के पास कोई विचारधारा नहीं है वे भाजपा को नहीं हरा सकती हैं। इस बयान के बाद कांग्रेस के खिलाफ प्रादेशिक पार्टियों ने मोर्चा खोला है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस बयान से पहले ही कांग्रेस ने अपनी क्षेत्रीय सहयोगी पार्टियों से झगड़ा शुरू कर दिया था। एक के बाद एक राज्यों में कांग्रेस का अपने सहयोगियों से विवाद हो रहा है। सहयोगी पार्टियां यूपीए से अलग हो रही हैं या अलग होने की तैयारी कर रही हैं।
बिहार में कांग्रेस का अपनी सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से झगड़ा हो गया है और दोनों पार्टियां अलग हो गई हैं। उनका महागठबंधन टूट गया है। विधानसभा की दो सीटों के उपचुनाव में दोनों पार्टियां अलग अलग लड़ीं और फिर 24 सीटों के विधान परिषद चुनाव में भी दोनों में तालमेल नहीं हुआ। अब राज्यसभा की एक सीट पर कांग्रेस का दावा है लेकिन राजद उस पर ध्यान नहीं दे रही है। उसके नेताओं ने दो टूक अंदाज में कहा है कि कांग्रेस और राजद अब अलग अलग हैं। कांग्रेस के कुछ नेता चाहते थे कि राहुल गांधी इस बारे में तेजस्वी यादव से बात करें लेकिन दोनों तरफ से ठंडा रिस्पांस है।
इससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस का तालमेल खत्म हो गया है। सोचें, ढाई साल पहले दोनों ने मिल कर सरकार बनाई थी और कांग्रेस ने जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया था लेकिन अब दोनों पार्टियों में लड़ाई हो रही है। दोनों का गठबंधन काफी पहले टूट चुका है और जेडीएस के वोक्कालिगा वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस ने दिग्गज वोक्कालिगा नेता डीके शिवकुमार को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। ध्यान रहे देवगौड़ा परिवार और शिवकुमार में कभी नहीं बनी है।
इसी तरह राज्यसभा की एक सीट को लेकर झारखंडड में कांग्रेस का झगड़ा जेएमएम से शुरू हो गया है। जेएमएम ने कहा है कि उसके 30 विधायक हैं इसलिए राज्यसभा सीट उसकी है। दो साल पहले जब जेएमएम से शिबू सोरेन चुनाव लड़े थे तब भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार उतारा था। इस बार फिर कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा है कि कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी। उधर महाराष्ट्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पवार और उनकी पार्टी कांग्रेस को कमजोर करने की राजनीति कर रहे हैं।

वे बार बार यह भी कह रहे हैं कि आगे के सारे चुनाव कांग्रेस पार्टी अकेले लड़ेगी। कांग्रेस आलाकमान को इन सभी मामलों में चुप है इसका मतलब है कि उसकी सहमति है।

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