एक-व्यक्ति-एक-पद-का-सिद्धा

एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत भी लागू होगा. कांग्रेस में कूलिंग ऑफ पीरियड का नियम लागू होने के साथ साथ एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत भी लागू होगा। इस नियम से ज्यादा तो नहीं पर दो नेताओं के लिए मुश्किल होगी। रणदीप सुरजेवाला पार्टी महासचिव के नाते कर्नाटक के प्रभारी हैं और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी भी हैं। उनका मीडिया प्रभारी का पद पांच साल के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड लागू होने के नियम के तहत भी आता है। इसलिए भी कहा जा रहा है कि वे कूलिंग ऑफ या एक व्यक्ति एक पद के नियम के तहत मीडिया प्रभारी का पद छोड़ेंगे। उनके करीबी भी मान रहे हैं कि इससे उनके ऊपर से फोकस हटेगा। अभी मीडिया में ज्यादा दिखने की वजह से पार्टी के बहुत से नेता उनके पीछे पड़े हैं।
एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के नियम का दूसरा शिकार अधीर रंजन चौधरी होंगे। वे लोकसभा में कांग्रेस के नेता हैं और पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष हैं। कांग्रेस उनकी कमान में इस साल का विधानसभा चुनाव लड़ी थी और एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुई थी। तब से उनको हटाने की चर्चा चल रही है। लेकिन वे दोनों पदों पर बने हुए हैं। नव संकल्प शिविर के बाद उनके एक पद छोडऩे की चर्चा तेज हो गई है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस उनसे कौन सा पद लेती है। पार्टी के कई नेता चाह रहे हैं कि अच्छी हिंदी बोलने वाले किसी नेता को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया जाए। अगर इस सुझाव पर अमल होता है तो उनको पश्चिम बंगाल का प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखा जाएगा। दूसरी ओर अगर कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी से तालमेल करने या उनको साथ लाने पर विचार करती है तो अधीर चौधरी को बंगाल से हटाना होगा क्योंकि उनके रहते ममता तालमेल नहीं करेंगी।

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