Sanjay Kundu again approached the Supreme Court against the order of Himachal High Court.

नई दिल्ली ,11 जनवरी (एजेंसी)। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से संजय कुंडू का पुलिस महानिदेशक के पद से तबादला करने का आदेश दिया था, जिसे वापस लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

हाईकोर्ट ने कुंडू और कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री की याचिका खारिज कर दी, जिसमें अपने पहले के आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए गृह सचिव को दो आईपीएस अधिकारियों को किसी अन्य पद पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया था, ताकि उन्हें एक व्यवसायी को कथित रूप से डराने-धमकाने के मामले में जांच को प्रभावित करने का कोई अवसर न मिले।

मुकदमेबाजी के पहले दौर में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश पारित किया था। अदालत ने 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुंडू को डीजीपी के पद से हटाने के आदेश को वापस लेने के लिए एक अर्जी (रिकॉल एप्लीकेशन) के साथ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा था।

कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि हाईकोर्ट ने विवादित आदेश पारित करने से पहले उन्हें सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया था।

26 दिसंबर को एक आदेश में मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल दुआ की पीठ ने पालमपुर स्थित एक व्यवसायी की शिकायत के मद्देनजर राज्य सरकार को राज्य पुलिस प्रमुख और कांगड़ा एसपी को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था, जिन्होंने जान को खतरा होने की आशंका जताई थी।

शिकायतकर्ता निशांत शर्मा ने अपने साझेदारों से उन्हें, उनके परिवार और संपत्ति को खतरा होने का आरोप लगाया था। 25 अगस्त को गुरुग्राम में उन पर हुए क्रूर हमले की घटना का हवाला देते हुए कहा था कि सीसीटीवी फुटेज में एक पूर्व आईपीएस अधिकारी सहित हिमाचल के दो प्रभावशाली लोगों की पहचान की गई थी।

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