Uddhav does not have the right to remove Eknath Shinde... Speaker gave the decision

मुंबई ,10 जनवरी (एजेंसी)। महाराष्ट्र की सियासत में आज बड़ा दिन है। विधानसभा स्पीकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में फैसला सुना रहे हैं। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मैं स्पीकर के रूप में 10वीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा हूं।

अनुसूची का क्षेत्राधिकार सीमित है और यह वेबसाइट पर उपलब्ध ईसीआई के रिकॉर्ड से आगे नहीं जा सकता है और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है। स्पीकर ने छह बिंदुओं पर अपना फैसला सुनाया। इसमें पहला था- असली शिवसेना कौन? इस पर सुप्रीम कोर्ट में चले सुभाष देसाई ङ्कह्य महाराष्ट्र सरकार केस का संदर्भ उन्होंने लिया। स्पीकर ने कहा- शिंदे गुट ने कहा है कि उद्धव ठाकरे गुट ने 2018 का संविधान गुपचुप तरीके से लागू किया है।

स्पीकर ने कहा- उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से दिए गए पार्टी के कॉन्स्टिट्यूशन पर तारीख नहीं थी, इसलिए वो मान्य नहीं किया गया। शिवसेना का 1999 का संविधान हमने आधार माना है। 2018 का संशोधित संविधान चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है। इसलिए हमने 1999 वाले संविधान को आधार माना है।

उन्होंने आगे कहा कि मैनें चुनाव आयोग के फैसले को ध्यान में रखा है। चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में भी असली शिवसेना शिंदे गुट ही है। उन्होंने फैसला सुनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने भी शिंदे गुट को ही असली शिवसेना कहा है। महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने अपने फैसले में कहा कि एकनाथ शिंदे को हटाने का अधिकार उद्धव ठाकरे के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके पास शिवसेना के किसी भी सदस्य को हटाने का अधिकार नहीं है।

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