Electric vehicles will be charged from divider

गोरखपुर 15 Dec, (एजेंसी): आईटीएम गीडा गोरखपुर के छात्रों का नवाचार इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को नई दिशा देने वाला है। इस नवाचार की खासियत है कि इससे सड़कों पर चलते-चलते इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जा सकेगा। इससे उन्हें किसी जगह पर खड़ा कर चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस प्रोजेक्ट को गोरखपुर आईटीएम गीडा के कंप्यूटर साइंस के छात्र अविनाश व आकाश पाल ने बनाया है।

छात्र अविनाश ने बताया कि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन टेक्नोलॉजी की मदद से सड़कों पर बने रोड डिवाइडर से इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलते-चलते चार्ज हो जाएंगी। इस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन को रोड डिवाइडर के भविष्य को देख कर डिज़ाइन किया जा रहा है।

अविनाश के अनुसार, स्मार्ट इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन रोड डिवाइडर के अंदर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन से जुड़ कर काम करेगा। इनके तालमेल से इलेक्ट्रिक करंट जनरेट होगा, लेकिन यह करंट सिर्फ उन्हीं इलेक्ट्रिक वाहनों में करंट ट्रांस्मिट करेगा, जिन वाहनो में इलेक्ट्रॉमाग्नेटिक रिसीवर चिप लगा होगा।

यह चिप इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी से जुड़ा होगा और जैसे ही इलेक्ट्रिक वाहन डिवाइडर से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक करंट के संपर्क में आयेगा, इलेक्ट्रिक वाहन के बैटरी का चार्जिंग चिप एक्टिव हो जायेगा और बैटरी चार्ज होने लगेगी। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉमाग्नेटिक रिसीवर चिप सोलर से भी काम करेगा। इसकी वजह से बिजली की बचत होगी।

इतना ही नहीं, यदि इस रिसीवर चिप को किसी इलेक्ट्रिक वाहन के मोटर से कनेक्ट कर दिया जाए तो छोटी इलेक्ट्रिकल गाड़ियां बिना बैटरी के भी चल सकेंगी।

आईटीएम के निदेशक डॉ एनके सिंह ने बताया इन छात्रों ने कॉलेज के इनोवेशन सेल में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन रोड डिवाइडर प्रोजेक्ट तैयार किया है। भविष्य में इलेक्ट्रिकल वाहन को खड़ा कर चार्ज नहीं करना पड़ेगा। इलेक्ट्रिक गाड़ियां सड़कों पर चलते-चलते चार्ज हो जाएंगी। इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों से लम्बी दूरी की यात्रा करना भी आसान होगा।

वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि यह अच्छा नवाचार है। इस तकनीक से आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहन को सहूलियत होगी और प्रदूषण भी कम होगा।

बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहन, दुनिया भर में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले मोटर वाहन से होने वाले प्रदूषण को रोकने का विकल्प हैं। यह प्रदूषण फ्री हैं, लेकिन इन्हें चार्ज करने में अधिक समय लगता है और लम्बी यात्रा के दौरान जगह-जगह रुककर चार्ज करना पड़ता है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर इलेक्ट्रिक वाहनों चालकों को काफी सहूलियत होने की उम्मीद है।

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