नई दिल्ली 26 Nov, (एजेंसी): चीन में निमोनिया के बढ़ते मामलों ने भारत में भी चिंता बढ़ा दी है। चीन में बच्चों के बीच एच9एन2 (H9N2) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और कई लोग सांस लेने संबंधी बीमारी से जूझ रहे हैं। इसे देखते हुए भारतीय डॉक्टरों ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय शुक्ला ने लोगों को सावधान रहने और साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को श्वसन संबंधी बीमारी या संक्रमण है, तो वह सावधान रहें और दूसरे लोगों से दूरी बनाए रखने की कोशिश करे। हालांकि घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि भारत में अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र और अस्पताल की तैयारियों के उपायों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय हालात पर करीबी नजर रख रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि किसी भी तरह की चिंता बढ़ाने की जरूरत नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ‘कोविड-19 के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश’ लागू करने के लिए कहा गया है। ऐसे में जिला एवं राज्य अधिकारी ILI/SARI (इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी/गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) के मामलों पर नजर रखेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि सामान्य कारणों से सांस संबंधी बीमारी में खास तौर से इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 जैसे कारणों से वृद्धि होती है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में उत्तरी चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले सामने आने की जानकारी दी गई है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार, चीन में पिछले कुछ सप्ताह से सांस लेने से संबंधी बीमारियों के मामले बढ़े हैं। उसने कहा, ‘बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों के सामान्य कारणों का पता लगाया गया है और किसी असामान्य रोगजनक या किसी अप्रत्याशित क्लीनिकल स्वरूप की कोई पहचान नहीं की गई है।’
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