NHRC directs Manipur government to pay compensation to those who lost their lives within four weeks

गुवाहाटी/इम्‍फाल 18 Nov, (एजेंसी): राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने कहा कि आयोग ने मणिपुर सरकार से जान गंवाने वाले लोगों के लंबित मामलों में चार सप्ताह के भीतर मुआवजा देने और छह सप्ताह के भीतर घरों के पुनर्निर्माण के लिए मुआवजा देने को कहा है।

गुवाहाटी में एनएचआरसी की दो दिवसीय ‘कैंप सिटिंग’ के बाद अरुण कुमार मिश्रा ने मीडिया को बताया कि राजमार्ग की नाकाबंदी के मुद्दों और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार की ओर से एक रोडमैप पर चर्चा की गई। मणिपुर में विभिन्न घटनाओं में मारे गए 93 लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि पहले ही दी जा चुकी है। उन्‍होंने कहा, “राज्य सरकार ने कहा है कि लगभग 180 लोगों की मौत हो गई है। हमने कहा है कि जिन मामलों में मुआवजा लंबित है, सरकार को अगले चार सप्ताह के भीतर मुआवजा देना होगा। घरों के पुनर्निर्माण के लिए मुआवजा छह सप्ताह के भीतर दिया जाना चाहिए।”

मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर स्थानीय स्वशासनों को संवेदनशील बनाने के लिए एनएचआरसी ने गुरुवार को गुवाहाटी में ‘स्थानीय स्वशासन के माध्यम से मानव अधिकारों को आगे बढ़ाना’ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। अरुण कुमार मिश्रा ने मणिपुर में जातीय संघर्ष पर भी अपनी चिंता साझा की, जिसने क्षेत्र में सामाजिक और राजनीतिक तनाव में योगदान दिया है।

रिपोर्ट के अनुसार, छह महीने पहले मणिपुर में जातीय संघर्ष भड़कने के बाद हुई हिंसा की घटनाओं के संबंध में एनएचआरसी ने मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित 18 मामले दर्ज किए थे। गुवाहाटी में अपने ‘शिविर बैठक’ में, इसने कई पूर्वोत्तर राज्यों के संबंधित अधिकारियों और शिकायतकर्ताओं की उपस्थिति में 56 मामलों की सुनवाई की। इन मामलों में मणिपुर में मानवाधिकार उल्लंघन के मामले भी शामिल हैं। आयोग के हस्तक्षेप से विभिन्न पूर्वोत्तर राज्यों के पीड़ितों को 3.55 करोड़ रुपये की राहत राशि का भुगतान किया गया या भुगतान किये जाने की प्रक्रिया में है।

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