Kejriwal government recommended to the Governor to dismiss the Chief Secretary

*दिल्ली जमीन घोटाला*

नईदिल्ली,15 नवंबर (एजेंसी)। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एक कथित जमीन घोटाले में प्रारंभिक जांच के बाद सतर्कता मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्राथमिक रिपोर्ट सौंप दी है।इसमें आतिशी ने मुख्य सचिव को तुरंत पद से हटाने और बर्खास्त करने की सिफारिश की है। केजरीवाल ने इस रिपोर्ट को राज्यपाल के पास भेज दिया है। अब राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना इस पर अंतिम फैसला लेंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतिशी ने मुख्यमंत्री को 650 पन्नों की प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें नरेश पर अपने बेटे को गलत तरीके से फायदे पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं।रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में 850 करोड़ रुपए का अनुचित लाभ कमाया गया है। नरेश के बेटे की कंपनी को 850 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाने के लिए महंगे दाम पर भूमि अधिग्रहण हुआ है।

रिपोर्ट में मुख्य सचिव और डिविजनल कमिश्नर अश्विनी कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही गई है।आतिशी ने अपनी रिपोर्ट को केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय को भी भेजे जाने को कहा है, ताकि वो भी मामले की जांच कर सके।जांच जारी रहने तक नरेश और अश्विनी को सर्विस नियमों के तहत निलंबित किया जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि नरेश और जमीन मालिकों के संबंधों को खारिज नहीं किया जा सकता।

इस मामले में अश्विनी कुमार ने प्रेस वार्ता कर मुख्य सचिव पर लगे आरोपों से इनकार किया है और इसे गंदी राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव को इसलिए फंसाया जा रहा है, क्योंकि वह दिल्ली सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों में हो रही गड़बडिय़ों का खुलासा करते रहे हैं।मुख्य सचिव नरेश कुमार ने भी आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें उनके बेटे के कथूरिया से संबंध की कोई जानकारी नहीं थी।

दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए दिल्ली के बामनोली में जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इस दौरान 19 एकड़ जमीन की कीमत दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जिला अधिकारी हेमंत कुमार ने 41 करोड़ से 353 करोड़ रुपए कर दी थी।आरोप है कि नरेश के बेटे को एक ऐसे व्यक्ति ने नौकरी पर रखा, जिसके रिश्तेदारों को सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा मिला।

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