Guruseva Foundation honored wrestlers on the occasion of Diwali.

*पुरानी दिल्ली के इस अखाड़े में पहलवान बहते हैं अपने पसीने*

नई दिल्ली , 07 नवंबर (एजेंसी)। देश दुनिया के साथ राजधानी दिल्ली भी तेज़ी से बदली लेकिन पांडवकालीन पुरानी दिल्ली आज भी अपनी विरासत को संजोय हुए है । पुरानी दिल्ली,यमुना बाजार के यमुना घाट पर धर्मपाल यादव का अखाड़ा पिछले कई वर्षों से चल रहा है । दंड बैठक लगाकर विश्व रिकॉर्ड कायम करने वाले स्वर्गीय धर्मपाल यादव के सपुत्र अजय यादव अपने पिता की विरासत को संजोए हुए हैं । हर सुबह  यहां हर उम्र के पहलवान अखाड़े की मिट्टी में पसीना बहाते नज़र आते हैं ।

एक वक्त था जब दिल्ली में सैंकड़ों अखाड़े थे लेकिन सरकार व प्रशासन की अनदेखी से एक एक करके अखाड़े खत्म हो गए हैं और जो चंद हैं वो भी खत्म होने की कगार पर हैं । ऐसे में पुरानी दिल्ली के इस अखाड़े की मदद के लिए गुरुसेवा फाउंडेशन ने हाथ बढ़ाया है । इस संस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले सरदार जगतार सिंह ने दीपावली के अवसर पर इन पहलवानों को उपहार दिए और साथ ही अखाड़े की हर मुमकिन मदद का आश्वासन दिया । जगतार सिंह कहते हैं कि सरकारें करोड़ो रूपये प्रचार प्रसार पर खर्च कर रही हैं जबकि हमारे देश के परम्परागत खेलों की तरफ कोई ध्यान नही दिया जा रहा। वहीं देश का युवा अपने देश की मिट्टी से दूर होता जा रहा है ।

इसी अखाड़े से निकले वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी अपने गुरु धर्मपाल को यादव को याद कर भावुक हो जाते हैं । चतुर्वेदी कहते हैं कि उन्होंने कुश्ती के दांवपेंच धर्मपाल यादव से ही सीखें । इस अखाड़े से निकले युवाओं ने न केवल कुश्ती में नाम कमाया। बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी सफलता के झंडे गाड़े हैं । इसी अखाड़े से निकले युवा सरकारी नौकरी में क्लास वन ऑफिसर के रुप में सेवानिवृत्त हुए तो कुछ ने राजनीति में भी सफलता हासिल कर विधायक तक बने हैं ।

विजय शंकर चतुर्वेदी ने केंद्र की मोदी सरकार व दिल्ली की केजरीवाल सरकार से अपील की है कि इन अखाडों के विकास व इनमें पहलवानी करने वाले युवाओं की मदद की जानी चाहिए तांकि भारत के पुरातन खेल कुश्ती से युवा जुड़ सकें ।जीवनशैली,खानपान,अखाडों में कुश्ती करते पहलवान..मगर सरकार का इनपर नही है कोई ध्यान.. यमुना बाज़ार के यमुना तट पर यमुना युवक केंद्र द्वारा संचालित धर्मपाल यादव के अखाड़े की मदद को गुरुसेवा फॉउंडेशन ने हाथ बढ़ाया है । दीपावली के अवसर पर इन पहलवानों को उपहार देकर प्रोत्साहित करती संस्था गुरुसेवा फाऊंडेशन पहुंची यमुना तट पर है।

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