Gaganyaan Mission ISRO wants to send women scientists to space, S Somnath gave a big update

तिरुवनंतपुरम 22 Oct, (एजेंसी): भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने रविवार को कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी बहुप्रतीक्षित मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ मिशन के लिए लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिला पायलटों या महिला वैज्ञानिकों को प्राथमिकता देगा और भविष्य में उन्हें भेजना संभव होगा। उन्होंने कहा कि इसरो अगले साल अपने मानव रहित गगनयान अंतरिक्ष यान में एक महिला ह्यूमनॉइड (एक रोबोट जो मानव जैसा दिखता है) भेजेगा।

उन्होंने कहा कि इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए मानव को 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा में अंतरिक्ष में भेजना और पृथ्वी पर सुरक्षित वापस लाना है। सोमनाथ ने फोन पर एक सवाल के जवाब में कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है…लेकिन हमें भविष्य में ऐसी संभावित (महिला) उम्मीदवारों का पता लगाना होगा। भारत ने अपने महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान में पहली मानव रहित परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक पूरी कर ली।

इससे पहले, परीक्षण को प्रतिकूल परिस्थिति के चलते प्रक्षेपण से महज चार सेकंड पहले रोक दिया गया, लेकिन इसके दो घंटे से कम समय बाद इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। सोमनाथ ने कहा कि मानवयुक्त मिशन 2025 तक आने की उम्मीद है और यह एक छोटी अवधि का मिशन होगा। उन्होंने कहा, अभी, प्रारंभिक उम्मीदवार वायुसेना के लड़ाकू विमानों के पायलटों में से होंगे…वे थोड़ी अलग श्रेणी के हैं। हमारे पास अभी महिला पायलट नहीं है। इसलिए जब वे आ जायेंगी तो एक तरीका यह भी होगा।

उन्होंने कहा, दूसरा विकल्प है जब अधिक वैज्ञानिक गतिविधियां होंगी। फिर वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्री बनकर आयेंगे। तो उस वक्त मेरा मानना है कि महिलाओं के लिए ज्यादा संभावनाएं हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसरो का लक्ष्य 2035 तक पूरी तरह से परिचालन वाला अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करना है। इसरो के अनुसार, मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान से पहले टीवी-डी1 परीक्षण यान को कल सुबह 10 बजे सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। क्रू मॉड्यूल रॉकेट से अलग हो गया और योजना के अनुसार बंगाल की खाड़ी में गिर गया।

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