26 week pregnancy will not occur, Supreme Court said - We cannot stop the heartbeat

नई दिल्ली 16 Oct, (एजेंसी)-सुप्रीम कोर्ट ने 26 सप्ताह के गर्भ को गिराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि हम एक जिंदगी को खत्म नहीं कर सकते हैं। अदालत ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि बच्चे की स्थिति एकदम सही है और उसे जन्म मिलना ही चाहिए। यदि महिला बच्चे को नहीं रखना चाहती है तो सरकार को सौंप सकती है और वह उसका ख्याल रखेगी। बेंच ने कहा कि भ्रूण 26 सप्ताह 5 दिन का है। मां और बच्चे को कोई खतरा नहीं है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ दो बच्चों की मां को 26-सप्ताह का गर्भ समाप्त करने के शीर्ष अदालत के नौ अक्तूबर के आदेश को वापस लेने की केंद्र सरकार की याचिका पर जिरह सुन रही थी। पीठ ने इसी मामले पर सुनवाई करते हुए कहा था कि हम बच्चे को नहीं मार सकते। साथ ही पीठ ने कहा था कि एक अजन्मे बच्चे के अधिकारों और स्वास्थ्य के आधार पर उसकी मां के निर्णय लेने के अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करने की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट ने अजन्मे बच्चे के अधिकार को तरजीह दी और कहा कि हम दिल की धड़कन रोक नहीं सकते। बच्चे के धरती पर जन्म लेने का रास्ता साफ है।

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