Changes in the field of blood transfusion and immunohematology - Chief Minister

*एक यूनिट ब्लड कई लोगों की बचा रहा है जान*

लखनऊ 06 Oct, (एजेंसी)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज ब्लड ट्रांसफ्यूजन और इम्यूनोहिमैटोलॉजी के क्षेत्र में बहुत परिवर्तन हुआ है। दशकों पूर्व एक यूनिट ब्लड केवल एक व्यक्ति के लिए उपयोगी बन पाता था। लेकिन ब्लड कम्पोनेंट सेपरेटर यूनिट लगने से आज एक यूनिट ब्लड कई लोगों की जान बचाने में उपयोगी हो रहा है। रक्तदान के क्षेत्र में विभिन्न तकनीकी परिवर्तनों के साथ-साथ जनजागरूकता की आवश्यकता है, ताकि ब्लड की कमी को दूर किया जा सके।

मुख्यमंत्री आज यहां इण्डियन सोसायटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन एण्ड इम्यूनोहिमैटोलॉजी की 48वीं वार्षिक कॉन्फ्रेंस ‘ट्रांसकॉन-2023’ के शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने  कहा कि प्रबन्धन, तकनीक व ज्ञान के परस्पर उपयोग से बेहतर परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। इस प्रकार की कॉन्फ्रेंस ज्ञान व तकनीक के आदान-प्रदान तथा लोगों में जागरूकता पैदा करने का बेहतर माध्यम बनती हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कॉन्फ्रेंस प्रदेश के लिए और ब्लड ट्रांसफ्यूजन के क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी विशेषज्ञों तथा इसके अन्य स्टेक होल्डर्स के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

यदि देश में 1.5 करोड़ यूनिट ब्लड की डिमाण्ड है, तो आज भी 20-25 लाख यूनिट ब्लड की कमी दिखायी पड़ती है। क्योंकि लोगों में रक्तदान के लिए जागरूकता का अभाव है। रक्तदान जैसे पवित्र कार्य की जागरूकता के लिए गांव व स्कूलों में कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएं।
उन्होंने कहा कि  हर जनपद में हर यूनिट के द्वारा ब्लड डोनेशन के वृहद कार्यक्रम आयोजित किये गये। सेवा पखवाड़ा के दौरान प्रदेश में 25,000 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया और इससे कई गुना लोगों ने अपने ब्लड ग्रुप की जांच कराकर वहां सुरक्षित रखवाया।  लोगों को स्वैच्छिक रक्तदान के लिए प्रेरित करें।

स्वैच्छिक रक्तदान के कार्य से स्कूल, कॉलेज, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों, सामाजिक व धार्मिक संगठनों को जोड़ा जाए। समय-समय पर सेमिनार व अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जाएं। इससे हम ब्लड डेफिसिट को पूरा कर पाएंगे। साथ ही, यह ऑर्गन ट्रांसप्लांट की दिशा में एक नई शुरूआत होगी। ऑर्गन ट्रांसप्लांट के कार्य में ऑर्गन डोनेशन का अभाव आज भी देखने को मिलता है। क्योंकि लोगों में इस सम्बन्ध में जागरूकता की कमी है।

ऑर्गन डोनेशन की दिशा में एक नये प्रयास की आवश्यकता है। दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिजन उस व्यक्ति के ऑर्गन डोनेट करके अन्य व्यक्तियों की जान बचाने में मदद कर सकते हैं। हमारा देश महर्षि दधीचि के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव रखता है। क्योंकि महर्षि दधीचि ने सकारात्मक ताकतों को विजयी बनाने के लिए अपना बलिदान दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 जैसे संस्थानों के माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों में वर्चुअल आई0सी0यू0 का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। के0जी0एम0यू0 लगभग 4,500 बेड्स संचालित करता है। के0जी0एम0यू0 के एक माह की ओ0पी0डी0 में जितने लोगों का इलाज होता है, उतनी तो दुनिया के कुछ देशों की आबादी है। के0जी0एम0यू0 लगभग 10-15 हजार लोगों को प्रतिदिन स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराता है। यह अपने आप में एक बड़ी चुनौती है, जिसका निर्वहन के0जी0एम0यू0 सफलतापूर्वक कर रहा है।

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